भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. जानी-मानी कंसल्टिंग फर्म डेलॉइट (Deloitte) ने अनुमान लगाया है कि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) में भारत की अर्थव्यवस्था 6.7% से 6.9% की मजबूत दर से बढ़ सकती है. यह अनुमान इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का दौर आगे भी जारी रहने की पूरी उम्मीद है.
क्यों बढ़ेगी भारत की रफ्तार: डेलॉइट ने अपनी रिपोर्ट "India's Economic Outlook" में इस ग्रोथ के पीछे कई बड़े कारण बताए हैं:
बढ़ता निवेश और मांग: भारत में निवेश का माहौल बेहतर हो रहा है और साथ ही, लोगों की तरफ से चीजों की मांग भी बढ़ रही है, जो अर्थव्यवस्था को गति देगा.
मजबूत होती बैंकिंग व्यवस्था: देश के बैंकों की हालत पहले से काफी मजबूत हुई है, जिससे वे बिजनेस और लोगों को आसानी से लोन दे पा रहे हैं. इससे बाजार में पैसा आ रहा है.
त्योहारी सीजन का असर: आने वाले त्योहारी सीजन में लोगों के ज्यादा खर्च करने की उम्मीद है, जिससे बाजार में रौनक और बढ़ेगी.
अच्छा मानसून: इस साल मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद है, जिससे खेती-किसानी अच्छी होगी और गांवों की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.
चुनौतियाँ भी कम नहीं: हालांकि, डेलॉइट ने कुछ चुनौतियों की तरफ भी ध्यान दिलाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर महंगाई काबू में नहीं रही, तो यह इस विकास की राह में एक रोड़ा बन सकती है. खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ना और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता (जैसे कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव) कुछ ऐसी चुनौतियाँ हैं, जिन पर नजर रखनी होगी.
डेलॉइट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, “अगले साल ग्रोथ में और सुधार होने की उम्मीद है, क्योंकि निवेश और मांग दोनों में लगातार सुधार हो रहा है. भारत के पास अपनी विकास की कहानी को और आगे बढ़ाने की पूरी क्षमता है.”




