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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने फिर एक बार 'भीलप्रदेश' के गठन की पुरानी मांग को जोरदार तरीके से उठाया है। इस मांग को पुख्ता करने के लिए उन्होंने 1885 के एक ऐतिहासिक नक्शे का हवाला दिया है, जिसमें भील समुदाय के पारंपरिक क्षेत्र चिन्हित हैं। यह क्षेत्र राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के उन हिस्सों को शामिल करता है जहां भील आदिवासी समुदाय की घनी आबादी रही है। रोत का कहना है कि यह नक्शा उस समय की भौगोलिक और सांस्कृतिक सच्चाई को दर्शाता है।

ग्यारह जिलों को मिलाकर नए राज्य की मांग
सांसद रोत का प्रस्ताव है कि राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ सहित कुल 11 जिलों को मिलाकर एक नया राज्य बनाया जाए। साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल इलाकों को भी इसमें जोड़ा जाए। उनका तर्क है कि यह कदम भील समुदाय के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अधिकारों को पुनर्स्थापित करेगा।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जोड़ा मामला
रोत ने 1913 के मांगढ़ आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1500 से अधिक आदिवासियों ने भील राज्य की मांग करते हुए बलिदान दिया था। उनके अनुसार, आजादी के बाद भील बहुल क्षेत्रों को चार अलग-अलग राज्यों में बांटकर समुदाय के साथ अन्याय किया गया, जिसे अब ठीक करने की जरूरत है।

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