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Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना की मंत्री सीतक्का ने हैदराबाद में एक शानदार रेशम प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो राज्य की समृद्ध हथकरघा परंपरा और कला को प्रदर्शित करती है। इस अवसर पर, उन्होंने हथकरघा बुनकरों की लंबे समय से चली आ रही मांग का समर्थन करते हुए, उनके उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती करने का आग्रह किया। यह मांग बुनकरों के सामने आ रही आर्थिक चुनौतियों को कम करने और इस पारंपरिक उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

रेशम प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न हिस्सों से लाए गए रेशम उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई, जिसमें साड़ी, कपड़े और अन्य हस्तशिल्प शामिल थे। यह प्रदर्शनी कारीगरों को अपने उत्कृष्ट कौशल का प्रदर्शन करने और सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ने का एक मंच प्रदान करती है। यह भारतीय हथकरघा उद्योग की सुंदरता और विविधता को भी उजागर करती है।

अपने उद्घाटन भाषण में, मंत्री सीतक्का ने हथकरघा क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया, जो लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करता है और भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने स्वीकार किया कि बुनकर समुदाय कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें कच्चे माल की बढ़ती लागत, आधुनिक तकनीकों की कमी और जीएसटी का बोझ शामिल है।

मंत्री ने कहा कि हथकरघा उत्पादों पर जीएसटी में कटौती से बुनकरों को प्रतिस्पर्धात्मक बने रहने में मदद मिलेगी और उनके उत्पादों की लागत कम होगी, जिससे वे उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती बन सकेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर विचार करने और बुनकर समुदाय को राहत प्रदान करने की अपील की।

यह प्रदर्शनी और मंत्री का बयान दोनों ही हथकरघा उद्योग के समर्थन और संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। यह न केवल आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेगा बल्कि सदियों पुरानी कला और कौशल को भी संरक्षित रखेगा।

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