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Up Kiran, Digital Desk: एक चौंकाने वाले खुलासे में, भारत की एक प्रमुख निजी कंपनी, सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया पर आरोप लगा है कि उसने अमेरिका द्वारा बार-बार चेतावनियाँ दिए जाने के बावजूद रूस को विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भेजी है। यह संवेदनशील मामला भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में एक नया परीक्षण ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है।

क्या है पूरा मामला? सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया ने पिछले साल (2023) से इस साल (2024) तक रूस को नाइट्रोसेल्यूलोज का निर्यात किया है। नाइट्रोसेल्यूलोज एक ऐसा रसायन है जिसका उपयोग बंदूक के प्रणोदक (propellant) और सैन्य विस्फोटकों के निर्माण में होता है। अमेरिकी अधिकारियों को आशंका है कि यह सामग्री अप्रत्यक्ष रूप से रूसी सेना के युद्ध प्रयासों में मदद कर सकती है, खासकर यूक्रेन में।

सूत्रों ने बताया कि अमेरिका लगातार भारत सरकार और संबंधित भारतीय कंपनियों को अपनी चिंता व्यक्त कर रहा था। उनका कहना था कि ये shipments 'रेड फ्लैग' के अंतर्गत आते हैं और इससे पश्चिमी प्रतिबंधों (sanctions) का उल्लंघन हो सकता है, या कम से कम रूस को युद्ध सामग्री की आपूर्ति में मदद मिल सकती है। इसके बावजूद, यह निर्यात जारी रहा।

कैसे हुई आपूर्ति? सोलर इंडस्ट्रीज ने नाइट्रोसेल्यूलोज सीधे रूस को नहीं भेजा, बल्कि इसे एक मध्यस्थ के माध्यम से भेजा गया। यह मध्यस्थ कथित तौर पर तुर्की में स्थित एक इकाई थी, जिसने बाद में इस सामग्री को रूस भेजा। यह तरीका अक्सर प्रतिबंधों से बचने या निगरानी को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

अमेरिका की चिंता और भारत की स्थिति अमेरिकी प्रशासन कई बार सार्वजनिक और निजी तौर पर यह स्पष्ट कर चुका है कि वे किसी भी देश द्वारा रूस को युद्ध सामग्री या दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं की आपूर्ति को गंभीर रूप से देखते हैं। उनका मानना है कि ऐसी आपूर्ति यूक्रेन में संघर्ष को बढ़ावा देती है और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है।

वहीं, भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक संतुलित रुख बनाए रखा है, जिसमें उसने रूस की सीधी निंदा नहीं की है, लेकिन युद्ध के जल्द समाधान का आह्वान किया है। साथ ही, भारत रूस से अपनी ऊर्जा और रक्षा जरूरतों को भी पूरा करता है। ऐसे में, इस तरह के खुलासे से भारत पर पश्चिमी देशों का दबाव बढ़ सकता है।

सोलर इंडस्ट्रीज का क्या कहना है? सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया ने News18 को दिए अपने जवाब में सीधे रूस को निर्यात करने से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि वे केवल तुर्की में एक कंपनी को नाइट्रोसेल्यूलोज की आपूर्ति करते हैं। हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया गया कि तुर्की की वह कंपनी आगे इसे कहीं और भेज सकती है।

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