
हाल ही में रिलीज़ हुई "Detective Sherdil" फिल्म से फैंस को काफी उम्मीदें थीं, खासकर इसलिए क्योंकि इसमें दिलजीत दोसांझ जैसे टैलेंटेड अभिनेता लीड रोल में हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस बार दिलजीत अपने फैंस की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
फिल्म की शुरुआत एक मर्डर केस से होती है, जिससे लगता है कि आगे कुछ दमदार मिस्ट्री और थ्रिल देखने को मिलेगा। लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, स्क्रिप्ट कमजोर होती जाती है और मिस्ट्री का एंगल लगभग गायब हो जाता है। निर्देशक ने शायद मर्डर की कहानी को मजाकिया अंदाज़ में पेश करने की कोशिश की, लेकिन वो बैलेंस नहीं बन पाया।
दिलजीत दोसांझ का अभिनय हमेशा की तरह नेचुरल और प्रभावशाली है, लेकिन कमजोर कहानी उनकी मेहनत पर भारी पड़ जाती है। कुछ सीन में वो हँसाते हैं, लेकिन जासूसी और रहस्य की जो उम्मीद दर्शकों को थी, वो पूरी नहीं होती।
सपोर्टिंग कास्ट ने भी अपना काम ठीक-ठाक किया है, लेकिन स्क्रिप्ट में गहराई की कमी के कारण किसी भी किरदार की छाप ज्यादा देर तक नहीं रह पाती।
फिल्म का संगीत और सिनेमैटोग्राफी अच्छी है, लेकिन एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म में सबसे जरूरी चीज होती है – कहानी और उसका ट्रीटमेंट, जो यहां कमजोर साबित हुआ।
अगर आप दिलजीत दोसांझ के बड़े फैन हैं, तो एक बार देख सकते हैं, लेकिन मिस्ट्री के शौकीन लोगों के लिए यह फिल्म निराशा साबित हो सकती है।
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