
Up Kiran, Digital Desk: आज मिथिलांचल क्षेत्र और वैश्विक हिंदू समुदाय (global Hindu community) के लिए एक ऐतिहासिक क्षण (landmark moment) है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) संयुक्त रूप से पुनौरा धाम, सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर (grand Janaki Mandir) का शिलान्यास (foundation stone) करेंगे। यह वह पवित्र भूमि है जहाँ देवी सीता (Goddess Sita) का जन्म हुआ माना जाता है।
'आध्यात्मिक एकता' का प्रतीक: 883 करोड़ का महायज्ञ
इस शुभ अवसर पर, वैदिक मंत्रोच्चारों (Vedic mantras) के बीच भूमि पूजन (Bhoomi Pujan) किया जाएगा, जिसमें 21 तीर्थों की पवित्र मिट्टी (sacred soil from 21 pilgrimages) और 31 नदियों के जल (water from 31 rivers) का उपयोग किया जाएगा। यह प्रतीकात्मक (symbolising) रूप से भारत की आध्यात्मिक एकता (India's spiritual unity) का प्रदर्शन करेगा।
यह 883 करोड़ रुपये की परियोजना (Rs 883 crore project) न केवल एक महत्वपूर्ण धार्मिक पुनरुद्धार (religious revival) का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक पवित्र त्रिकोण (historic sacred triangle) को मजबूत भी करती है। यह त्रिकोण सीतामढ़ी (Sitamarhi), पुनौरा धाम (Punaura Dham), और जनकपुर (Janakpur), नेपाल को जोड़ता है, जो सभी देवी सीता के जीवन और विरासत (Sita’s life and legacy) से गहराई से जुड़े हुए हैं।
'सीता सर्किट': तीन पवित्र स्थल, एक दिव्य यात्रा
यह नव-निर्मित मंदिर 'सीता सर्किट' (Sita circuit) का एक प्रमुख हिस्सा बनेगा, जो देवी सीता से जुड़े तीन महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ता है:
यह महा-परियोजना श्री जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम मंदिर न्यास समिति (Shri Janaki Janmabhoomi Punaura Dham Mandir Nyas Samiti) द्वारा संचालित है, जो अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) से प्रेरित है। मंदिर को राम मंदिर के वास्तुकारों (architects) द्वारा डिजाइन किया गया है, और यह बिहार के धार्मिक पर्यटन परिदृश्य (religious tourism landscape) को बदलने की उम्मीद है, तथा भारत के रामायण सर्किट (India's Ramayana Circuit) का एक प्रमुख हिस्सा बनने वाला है।
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