_380225304.png)
Up Kiran, Digital Desk: हरियाणा के गांव मस्तगढ़ के रहने वाले देवेंद्र सिंह पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है, और इस मामले की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट के साथ अब यह केस कैथल कोर्ट में पेश किया जा चुका है, जिसमें करीब 136 पेज की चार्जशीट और डिजिटल साक्ष्यों के रूप में दो टीबी की हार्ड डिस्क भी शामिल हैं।
जांच के दौरान पता चला कि देवेंद्र की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी शाहजी से मुलाकात हुई थी। शाहजी ने उसे रासीद मोहम्मद, अरसलान और रिजा नामक अन्य संदिग्धों से भी मिलवाया, जो पाकिस्तान के लिए गुप्त जानकारी जुटाने में संलिप्त बताए गए हैं।
नवंबर 2024 में देवेंद्र अपने गांव के कुछ लोगों के साथ पाकिस्तान गया था, जहां शाहजी ने उसकी हर तरह की देखभाल की और उसे शॉपिंग भी करवाई। शाहजी ने देवेंद्र को यह बताया कि उसके पूर्वज पाकिस्तान से थे, जिससे देवेंद्र प्रभावित होकर भारतीय खुफिया जानकारियां साझा करने के लिए राजी हो गया।
भारत लौटने के बाद देवेंद्र ने व्हाट्सएप और स्नैपचैट के जरिए इन संदिग्धों से संपर्क बनाए रखा। उसने पटियाला के एक सेना कैंप के वाहनों की फोटो और वीडियो भी शाहजी को भेजी थीं। जांच में यह भी सामने आया कि शाहजी के निर्देश पर देवेंद्र ने एक व्यक्ति के खाते में 1500 रुपये भी ट्रांसफर किए।
एसआईटी के मुताबिक, देवेंद्र के पास दो मोबाइल फोन थे, जिन्हें उसने पकड़े जाने से पहले डेटा मिटा दिया था। हालांकि, पंचकूला की सीएफएल लैब की मदद से इन फोन का डेटा रिकवर किया गया, जिसमें हजारों तस्वीरें और संदेश मिले। अधिकांश बातचीत वीडियो कॉल के रूप में हुई, जिनका रिकॉर्ड नहीं बच पाया।
जांच में यह भी पता चला कि देवेंद्र ने नवंबर 2024 में करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान के ननकाना साहिब—गुरु नानक देव जी की जन्मस्थली—का दौरा किया था। इसके अलावा, वह फेसबुक पर कई बार अवैध हथियारों के साथ तस्वीरें भी साझा करता रहा।
--Advertisement--