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                                                Up Kiran, Digital Desk: धराली और हर्षिल क्षेत्र में हाल ही हुई आपदा में अब शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लिया जाएगा। करीब दो सप्ताह पहले आई इस त्रासदी में एक शव पहले ही बरामद किया गया था, जबकि हाल ही में भागीरथी नदी के पास एक और शव मिला है, जिसकी पहचान के लिए डीएनए प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
धराली-हर्षिल आपदा में सेना के नौ जवान और लगभग 68 अन्य लोग लापता हैं। इनमें से एक शव आपदा के दूसरे दिन मलबे से निकाला गया था। सोमवार को हर्षिल से लगभग तीन किलोमीटर दूर झाला क्षेत्र में एक गंभीर रूप से क्षत-विक्षत शव मिला है। शरीर पर मिले कपड़ों के आधार पर यह माना जा रहा है कि यह कोई सेना का जवान हो सकता है, हालांकि अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
आपदा प्रभावित इलाकों में खीर गंगा और तेलगाड़ नदियों के आसपास भारी मात्रा में मलबा जमा होने के कारण अब शव मिलने की उम्मीद कम ही बची है। फिर भी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना के संयुक्त प्रयासों से खोज अभियान लगातार जारी है।
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी, एसीएमओ डॉ. कुलवीर राणा के अनुसार, अब से जो भी शव पाए जाएंगे, उनकी पहचान डीएनए टेस्ट से ही की जाएगी। यह कदम मृतकों के सही-सही आंकड़े तय करने के लिए उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि केदारनाथ आपदा के बाद भी, जब लापता व्यक्तियों के शव नहीं मिल पाते थे, तो संबंधित थानों से मिली जानकारी के आधार पर 15 दिन बाद उन्हें मृतक घोषित किया जाता था।
 
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