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छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आने के बाद ही अपना इस्तीफा रविवार को राज्यपाल को सौंप दिया था। उसके बाद तीन दिन हो गए। कोई बड़ा बयान उनकी ओर से नहीं आया है।

एक ओर कहा जा रहा है भूपेश बघेल ने जनादेश का सम्मान करते हुए तत्काल इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी को जीत की बधाई दी। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के लोगों के बीच चर्चा रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अंतर्कलह ने ही पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। यह बात सत्य है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के बीच दो गुट चल रही थी।

पहले गुट का मुखिया भूपेश बघेल थे तो दूसरे गुट पर टीएस सिंहदेव अपना कब्जा जमाए थे। टीएस सिंहदेव को लगता था कि 2018 चुनाव में उनकी वजह से ही कांग्रेस छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की है और यही सोच भूपेश बघेल भी रखते थे।

किंतु वास्तविक क्या था? छत्तीसगढ़ की जनता प्रदेश में परिवर्तन चाह रही थी, जिसका फायदा कांग्रेस पार्टी को 2018 के चुनाव में मिला था। पूरे पांच साल तक प्रदेश में अच्छा काम करने के बावजूद कांग्रेस पार्टी अपनी पुरानी सीटों को बचाने में सफल नहीं रह पाई। कांग्रेस पार्टी के कई विधायक और यहां तक कि मंत्री भी चुनाव हार गए और बीजेपी एक बार फिर से सरकार छत्तीसगढ़ में बनाने वाली है। 

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