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Up Kiran, Digital Desk:लखनऊ से दिल्ली जा रही फ्लाइट 6E2111 में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब टेक-ऑफ से कुछ ही सेकेंड पहले विमान अचानक रनवे पर रुक गया। तेज रफ्तार से दौड़ रहे इस इंडिगो विमान में कुल 177 लोग सवार थे, जिनमें समाजवादी पार्टी की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी शामिल थीं।
टेक-ऑफ से पहले विमान ने पकड़ी पूरी रफ्तार, लेकिन
विमान जैसे ही उड़ान भरने की अंतिम प्रक्रिया में था, पायलट को कुछ तकनीकी अनियमितता का आभास हुआ। सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने रनवे के आखिरी छोर पर विमान को सुरक्षित रोक दिया। इस सूझबूझ भरे फैसले ने एक संभावित दुर्घटना को टाल दिया।
यात्रियों को दूसरे विमान से भेजा गया दिल्ली
घटना के तुरंत बाद यात्रियों को एयरपोर्ट पर रोक लिया गया और फिर एक वैकल्पिक फ्लाइट के जरिए दिल्ली रवाना किया गया। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में कुछ घंटे की देरी जरूर हुई, लेकिन राहत की बात यह रही कि सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित रहे।
क्या तकनीकी खराबियां बन रही हैं आम बात?
हाल के वर्षों में भारतीय विमानन क्षेत्र में तकनीकी खामियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एक नजर डालते हैं आंकड़ों पर:
वर्ष | तकनीकी खराबी के मामले |
---|---|
2021 | 514 |
2022 | 528 |
2023 | 448 |
2024 | 421 |
2025 (जून तक) | 183 |
2025 में अब तक सामने आए बड़े मामले:
16 जून: AI 315 (हांगकांग से दिल्ली) तकनीकी संदेह के चलते वापस लौटी।
17 जून: सैन फ्रांसिस्को से मुंबई की फ्लाइट को इंजन फेल होने पर कोलकाता में उतारना पड़ा।
20 जून: अहमदाबाद से टेकऑफ के बाद विमान में तकनीकी गड़बड़ी, 260 मौतें।
23 जुलाई: कोझिकोड से दोहा जाने वाली फ्लाइट टेक-ऑफ में गड़बड़ी के कारण लौटी।
31 अगस्त: दिल्ली से इंदौर की फ्लाइट में इंजन फायर अलर्ट, आपात लैंडिंग।
11-12 सितंबर: दिल्ली से सिंगापुर और कांडला से मुंबई जाने वाली दो फ्लाइट्स में तकनीकी समस्याएं, यात्रियों को समय पर उतारा गया।
सवाल जो खड़े हो रहे हैं
क्या मौजूदा तकनीकी जांच प्रणाली पर्याप्त है?
क्यों बढ़ रही हैं घटनाएं, और क्या इसकी समीक्षा जरूरी है?
पायलट की सतर्कता ही हर बार हादसा रोकने का समाधान है?