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Up Kiran , Digital Desk: अब वह दिन दूर नहीं जब आप नई दिल्ली से सीधे नेपाल की राजधानी काठमांडू ट्रेन से सफर कर सकेंगे। भारत और नेपाल के संबंधों को मजबूती देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल के तहत रक्सौल से काठमांडू तक नई रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी अंतिम चरण में है। यह महत्त्वाकांक्षी परियोजना न सिर्फ दोनों देशों को भौगोलिक रूप से करीब लाएगी, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्तों को भी एक नई ऊंचाई देगी।

136 किलोमीटर का रेल ट्रैक: परियोजना की प्रमुख विशेषताएं

लंबाई: 136 किलोमीटर

स्टेशन: कुल 13 स्टेशन

लागत: लगभग ₹25,000 करोड़

समय बचत: काठमांडू की यात्रा अब सड़क के मुकाबले आधे से भी कम समय में

नई दिल्ली पहले से ही बिहार के रक्सौल से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। इस नई रेल लाइन के जुड़ने से काठमांडू तक सफर संभव हो सकेगा। इससे नेपाल के लिए एक वैकल्पिक और किफायती परिवहन साधन विकसित होगा।

क्या हो रहा है अभी

कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने Final Location Survey (FLS) शुरू कर दिया है। यह सर्वे एक साल में पूरा होगा और उस पर ₹37 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद Detailed Project Report (DPR) तैयार होगी और फिर परियोजना को टेंडर प्रक्रिया के ज़रिए निर्माण के लिए सौंपा जाएगा।

सिर्फ 2-3 घंटे में रक्सौल से काठमांडू

जहां सड़क मार्ग से रक्सौल से काठमांडू पहुंचने में लगभग 5 घंटे लगते हैं, वहीं रेल मार्ग के बन जाने के बाद यह दूरी महज 2 से 3 घंटे में तय की जा सकेगी। इससे समय और लागत—दोनों की बचत होगी। यह मार्ग विशेष रूप से व्यापारियों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

भारत-नेपाल को होंगे चार बड़े फायदे

1. पर्यटन में जबरदस्त बढ़ोतरी

नेपाल के पोखरा, काठमांडू, एवरेस्ट बेस कैंप जैसे स्थल भारतीय पर्यटकों के पसंदीदा हैं। वहीं, नेपाली पर्यटक भारत में वैशाली, राजगीर और केसरिया जैसे ऐतिहासिक स्थलों की ओर आकर्षित होते हैं। सीधी ट्रेन सुविधा इन स्थलों तक पहुंच को बेहद आसान बनाएगी।

2. सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूती

भारत-नेपाल के बीच धार्मिक स्थलों का विशेष महत्व है। जैसे भारतीय श्रद्धालुओं के लिए नेपाल का पशुपतिनाथ और मुक्तिनाथ मंदिर, नेपाली श्रद्धालुओं के लिए भारत के सीतामढ़ी और बाबा धाम इस कनेक्टिविटी से आस्था के पुल और मजबूत होंगे।

3. आर्थिक विकास को नई रफ्तार

वर्तमान में भारत और नेपाल के बीच व्यापार सड़क मार्ग से होता है, जिससे लागत और समय दोनों ज्यादा लगते हैं। नई रेल लाइन से व्यापार तेज़ और सस्ता होगा, भारत से निर्यात होने वाला सामान तेजी से नेपाल पहुंचेगा और नेपाल की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।

4. राजनीतिक संबंधों में सुधार की संभावना

नेपाल भारत का ऐतिहासिक मित्र रहा है, मगर हाल के वर्षों में चीन की सक्रियता के चलते कुछ तनाव उभरे हैं। यह रेलवे परियोजना विश्वास की उस डोर को फिर से मजबूत कर सकती है, जो दोनों देशों को जोड़ती रही है।

 

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