
Up Kiran, Digital Desk: आपदाएं बिन बताए आती हैं और अपने पीछे तबाही छोड़ जाती हैं। ऐसे में इनसे निपटने के लिए एक मजबूत तंत्र का होना बेहद जरूरी है। इसी जरूरत को समझते हुए तेलंगाना सरकार ने अपने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (TS-DMA) को अब और भी शक्तिशाली बना दिया है।
नए नियमों से मिली नई ताकत:
हाल ही में 'तेलंगाना राज्य आपदा प्रबंधन नियम, 2024' जारी किए गए हैं। इन नए नियमों के तहत TS-DMA को न केवल अधिक अधिकार मिले हैं, बल्कि आपदा के विभिन्न चरणों - तैयारी, रोकथाम, शमन (mitigation), प्रतिक्रिया और पुनर्निर्माण - में इसकी भूमिका और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। यह कदम राज्य को भविष्य की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए और अधिक तैयार करेगा।
प्रमुख प्रावधान और शक्तियां:
ये नियम आपदा के हर पहलू पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इनमें राहत शिविरों की स्थापना, प्रभावितों को मुआवजा, नुकसान का सटीक आकलन, और नागरिकों की सुरक्षित निकासी जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। यही नहीं, अब राज्य में आपदा से निपटने के लिए नियमित मॉक ड्रिल आयोजित करना भी अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति के लिए प्रशासन और जनता दोनों तैयार रहें।
नेतृत्व और समन्वय:
TS-DMA का नेतृत्व स्वयं मुख्यमंत्री करते हैं, जो इसके अध्यक्ष हैं। वहीं, राज्य कार्यकारी समिति (State Executive Committee - SEC) की अध्यक्षता मुख्य सचिव करते हैं। इस समिति में विभिन्न विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो आपदा प्रबंधन नीतियों को लागू करने और समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे। जिला स्तर पर भी आपदा प्रबंधन समितियों को सशक्त किया गया है, ताकि स्थानीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
कानूनी आधार और दंड का प्रावधान:
ये सभी प्रावधान केंद्रीय 'आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005' की नींव पर आधारित हैं। नियमों का पालन न करने वालों के लिए जुर्माने और कारावास तक का प्रावधान भी रखा गया है, जो इस बात पर जोर देता है कि आपदा प्रबंधन को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी संबंधित एजेंसियां और व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाएं।
वित्तीय संसाधन और अंतर-विभागीय सहयोग:
आपदा से निपटने के लिए वित्तीय संसाधनों की भी कोई कमी न हो, इसके लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (State Disaster Response Fund - SDRF) और राज्य आपदा शमन कोष (State Disaster Mitigation Fund - SDMF) की व्यवस्था की गई है। सिंचाई, स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व और पंचायती राज जैसे विभिन्न विभाग भी अब आपदा प्रबंधन के प्रयासों में एक-दूसरे के साथ बेहतर तालमेल बिठाकर काम करेंगे। इससे आपदा के समय एक एकीकृत और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
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