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वर्तमान में आतंकवाद विश्व के समक्ष सबसे बड़ी समस्या बन गया है। आधे से अधिक विश्व हर दिन इस संकट का सामना कर रहा है। कश्मीर के पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों पर गोलीबारी में 29 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में लगभग 166 निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके बाद भी देश में विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी हमले होते रहे, जिनमें निर्दोष लोग मारे गए। पहलगाम में हुए हमले में मरने वाले पर्यटकों में महाराष्ट्र के छह लोग शामिल हैं। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। मगर, यह अल्प सहायता बहुत उपयोगी नहीं है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि देश में आतंकवादी हमलों का शिकार होने वाले लोगों के लिए जीवन बीमा के नियम और कानून क्या हैं।

क्या आतंकवादी हमले में मरने वाले व्यक्ति को बीमा कवरेज मिलता है?

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में बीमा नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं। अब, आतंकवाद से होने वाले नुकसान को अधिकांश जीवन बीमा पॉलिसियों द्वारा कवर किया जाता है, जिसका अर्थ है कि बीमा दावा उपलब्ध है। मगर इसके लिए कुछ शर्तें हैं। बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के अनुसार, कंपनियां अब जीवन बीमा पॉलिसियों में आतंकवाद से होने वाली मृत्यु को भी कवर करती हैं। अर्थात् यदि कोई व्यक्ति आतंकवादी गोली के कारण मर जाता है, तो वह आमतौर पर बीमा द्वारा कवर होता है।

पॉलिसी लेने से पहले जरूर पूछे

हालाँकि, यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु आतंकवाद के कारण होती है, तो उसे आकस्मिक मृत्यु के लिए निर्धारित अतिरिक्त राशि नहीं मिलेगी। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति ने 50 लाख रुपये का बीमा लिया है और दुर्घटना होने पर उसके पास 10 लाख रुपये का अतिरिक्त बीमा है, तो ऐसी स्थिति में यदि आतंकवादी हमले में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को 50 लाख रुपये के बीमा के तहत ही भुगतान किया जाएगा। दुर्घटनाओं के लिए 10 लाख रुपये का कोई अलग प्रावधान नहीं होगा।

घर और कार के लिए भी बीमा उपलब्ध

कई बीमा कंपनियां अपनी सामान्य जीवन बीमा पॉलिसियों में आतंकवादी हमले का कवरेज भी प्रदान करती हैं। यह अतिरिक्त कवर के रूप में उपलब्ध है। आजकल लोगों को जीवन बीमा के अलावा स्वास्थ्य बीमा, घर और संपत्ति बीमा योजनाओं पर भी ध्यान देना चाहिए। कई बार आतंकवादी हमलों में पूरे के पूरे घर नष्ट हो जाते हैं और वाहन जला दिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में यदि आप अपने घर और कार का बीमा कराते हैं तो आपको दावा करते ही राशि मिल जाएगी।

दावे के लिए कौन से दस्तावेज़ जरूरी

अगर दस्तावेजों की बात करें तो पीड़ित परिवार को बीमा दावों के लिए अक्सर पुलिस रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है। आतंकवादी हमले में दावा करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। एक बार दावा दायर हो जाने पर यथाशीघ्र भुगतान की व्यवस्था की जाती है। क्योंकि सरकार के पास आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की सूची है। यदि किसी सरकारी या नगर निगम के रिकॉर्ड में आतंकवादी हमले के कारण मृत्यु का जिक्र है, तो उसे मृत्यु प्रमाण पत्र माना जाता है, जबकि अन्य बीमा योजनाओं में व्यक्ति की मृत्यु के बाद जांच की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

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