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Up Kiran, Digital Desk: सूरज हमारी सुबह की शुरुआत, मौसम की गर्माहट और जीवन की सबसे अहम ऊर्जा का स्रोत। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो सूरज हर दिन बिना रुके चमकता है, उसकी भी एक उम्र है? और अगर वह एक दिन बुझ गया, तो हमारी पृथ्वी का क्या होगा?
आज हम जिस सूरज की रोशनी में जी रहे हैं, वह कोई अमर नहीं है। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, सूरज की उम्र लगभग 4.6 अरब साल हो चुकी है और वह फिलहाल अपने जीवन के मध्य चरण में है। यानी जितनी यात्रा उसने अब तक की है, उससे लगभग दोगुनी अभी बाकी है। अगर वैज्ञानिक अनुमानों की मानें, तो सूरज को लगभग 5 अरब साल और जलना है।
सूरज, असल में, एक साधारण लेकिन विशाल तारा है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोजन गैस को हीलियम में बदलकर विशाल मात्रा में ऊर्जा पैदा करता है। यही प्रक्रिया इसे गर्म और चमकदार बनाए रखती है। लेकिन यह ईंधन अनंत नहीं है। जैसे-जैसे हाइड्रोजन की मात्रा घटेगी, सूरज का आकार और तापमान दोनों बदलेंगे।
भविष्य में, सूरज और ज्यादा ऊर्जा छोड़ने लगेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वर्तमान की तुलना में 2000 गुना अधिक चमकदार हो जाएगा। यह अत्यधिक ऊर्जा बुध और शुक्र जैसे ग्रहों को भस्म कर सकती है। और यदि पृथ्वी की कक्षा कुछ विस्तृत हो भी गई, तो भी इसके बचने की संभावना बेहद कम रहेगी।
जब सूरज अपने अंतिम चरण में पहुंचेगा, तो वह लाल दानव (Red Giant) बन जाएगा—एक विशाल, फूला हुआ गोला, जो अपने आसपास के ग्रहों को निगल सकता है। अंततः यह अपनी बाहरी परतें खो देगा और एक सफेद बौना (White Dwarf) बनकर शांत हो जाएगा—एक ऐसा अवशेष जो रोशनी तो देगा, पर जीवन के लिए जरूरी ऊर्जा नहीं।
इसका मतलब साफ है कि सूरज की मृत्यु का सीधा असर हमारे पूरे सौरमंडल पर पड़ेगा। और जहां तक पृथ्वी की बात है, यह संभव है कि वह भी सूरज के साथ ही समाप्त हो जाए।
तो क्या यह हमारे लिए डरने की बात है? फिलहाल नहीं। क्योंकि यह सब कुछ करोड़ों वर्षों बाद होगा। लेकिन यह विचार ज़रूर हमें हमारी आकाशगंगा के जीवन चक्र, और पृथ्वी की नाजुक स्थिति को समझने का मौका देता है।
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