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देश में ज्यादातर लोग बैंक के बजाय पोस्ट ऑफिस में निवेश करना पसंद करते हैं। क्योंकि लोगों को बैंक से ज्यादा पोस्ट ऑफिस में मुनाफा मिलता है। साथ ही पोस्ट ऑफिस में किया गया निवेश सेफ है और गारंटीशुदा रिटर्न देता है।

डाक घर में आम लोगों से लेकर वरिष्ठ लोगों तक कई तरह की योजनाएं लागू की जाती हैं। ऐसे में सभी स्कीमें ऐसी हैं जो 5 साल में मैच्योर होती हैं. यदि आप उनकी टाइम पीरियड से पहले निकासी करना चाहते हैं, तो आपको दंड के रूप में कुछ नुकसान उठाना पड़ेगा।

पोस्ट ऑफिस में MIS का मतलब मंथली इनकम स्कीम होता है, इसमें आपको 5 साल के लिए एकमुश्त रकम जमा करनी होती है। इससे आप आय के रूप में 5 साल तक प्रति माह एक निश्चित राशि प्राप्त कर सकते हैं। 5 बरस बाद आपको आपका पैसा वापस मिल जाता है। मगर अगर आपको 5 साल से पहले पैसों की आवश्यकता है तो आपको पेनल्टी देनी होगी।

यदि आप एक वर्ष से तीन वर्ष के बीच निकासी करते हैं, तो जमा राशि का 2 प्रतिशत काटकर वापस कर दिया जाएगा। वहीं अगर खाता तीन साल से ज्यादा पुराना है मगर आप 5 साल से पहले निकासी करना चाहते हैं तो जमा राशि में से 1 फीसदी की कटौती के बाद जमा राशि आपको वापस कर दी जाएगी।

पोस्ट ऑफिस रेकरिंग अकाउंट भी 5 साल के लिए होता है। रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में निवेश करने वालों को 3 साल बाद निकासी की सुविधा मिलती है। जल्दी निकासी पर आपको बचत खाते के हिसाब से ही ब्याज दर का लाभ मिलेगा।

पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में भी आपको 5 साल के लिए निवेश करना होता है। यह खाता खोलने की तारीख से 5 साल बाद मैच्योर होता है। मगर अगर आप पांच साल से पहले इससे पैसा निकालना चाहते हैं तो आपको पेनल्टी देनी होगी। इसमें जमा राशि का 1.5 फीसदी 2 साल पूरा होने से पहले निकालने पर और 1 फीसदी 2 साल बाद निकासी पर पेनाल्टी के तौर पर काटा जाता है.

पीपीएफ स्कीम यह स्कीम 15 साल के लिए है, मगर इसमें 5 साल का लॉक इन पीरियड है। 5 साल के बाद आप कुछ शर्तों के साथ खाते को निकाल और बंद कर सकते हैं। मगर खाता खोलने की तारीख से बंद होने की तारीख तक 1 फीसदी ब्याज काटा जाता है।

किसान विकास पत्र योजना 124 महीनों में निवेश को डबल कर देती है और इसमें 30 महीने की लॉक-इन अवधि होती है। इस स्कीम में यदि आप 1 साल से पहले पैसा निकालते हैं तो आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस योजना के तहत निकासी के लिए निवेशक को जुर्माना भी देना होगा। 1 वर्ष से 2.5 वर्ष के बीच निकासी पर ब्याज मिलेगा, मगर राशि कम होगी। योजना को बंद करने और 2.5 साल के बाद वापस लेने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। साथ ही उस समय प्रचलित ब्याज दर के मुताबिक रिफंड दिया जाएगा।

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