Up Kiran, Digital Desk: अहोई अष्टमी का व्रत हर माँ के लिए सबसे ख़ास व्रतों में से एक होता है। यह व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है और इस साल यह 13 अक्टूबर 2025 को है। इस दिन माताएँ अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल जीवन के लिए पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए (निर्जला) व्रत रखती हैं।
अगर आप भी यह व्रत रख रही हैं, तो ज्योतिष के जानकारों के बताए हुए ये 3 आसान उपाय आपकी पूजा को और भी शक्तिशाली बना सकते हैं। कहते हैं कि इन उपायों को करने से माँ अहोई का आशीर्वाद मिलता है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
1. पूजा में बच्चों को ज़रूर शामिल करें
यह व्रत आप अपनी संतान के लिए ही रख रही हैं, इसलिए शाम की पूजा के समय उन्हें अपने साथ ज़रूर बिठाएं। पूजा खत्म होने के बाद, जो भोग आपने माँ अहोई को चढ़ाया है, उसे सबसे पहले अपने बच्चों को ही प्रसाद के रूप में खिलाएं। ऐसा करने से माँ की कृपा सीधे बच्चों पर बरसती है और उन पर आने वाले सारे संकट दूर हो जाते हैं।
2. दूध, भात और रोली का जादुई उपाय
शाम को तारों को अर्घ्य देने के बाद, एक और छोटा सा काम करें। एक कटोरी में दूध और भात (पके हुए चावल) मिला लें और उसमें थोड़ी सी रोली डाल दें। अब इस कटोरी को अपने पूरे घर में घुमाएं और फिर चुपचाप इसे घर के बाहर किसी जानवर, खासकर गाय को खाने के लिए रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और बच्चों की तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
3. सफ़ेद फूल और दूध से करें शिव-पार्वती की पूजा
अहोई अष्टमी का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह नहा-धोकर शिव परिवार की पूजा करें। भगवान शिव को सफ़ेद फूल चढ़ाएं और दूध से बनी किसी मिठाई का भोग लगाएं। कहते हैं कि ऐसा करने से व्रत का फल दोगुना हो जाता है और संतान को लंबी उम्र का वरदान मिलता है।
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