
Up Kiran, Digital Desk: हम सभी को कभी-कभी पकौड़े, पूड़ी, फ्रेंच फ्राइज़ और फ्राइड चिकन (pakoras, puris, french fries, fried chicken) जैसे तले हुए खाने का स्वाद बहुत लुभावना लगता है। इनका स्वाद भले ही कितना भी शानदार हो, लेकिन ये सेहत के लिए 'कई कोन्स' (cons) के साथ आते हैं। ये न केवल उच्च कार्बोहाइड्रेट (high in carbohydrates) और अस्वास्थ्यकर वसा (unhealthy fat content) से भरे होते हैं, बल्कि इन्हें रोज़ाना खाना सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन्हें तलने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल (oil used for frying) का चुनाव भी बहुत महत्वपूर्ण है।
'खतरनाक कॉम्बिनेशन': मोटापा, हृदय रोग और ये 'घातक' बीमारियां!
रूबी हॉल क्लिनिक, पुणे के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी (Dr. Saurabh Sethi) के अनुसार, मीठे और तले हुए स्नैक्स (sweets and fried snacks) आमतौर पर कैलोरी में बहुत उच्च (very high in calories) होते हैं, जबकि वे पोषक तत्वों (nutritional value) में बहुत कम या लगभग शून्य होते हैं। इन उत्पादों का नियमित सेवन अतिरिक्त कैलोरी की खपत (additional calorie intake) को बढ़ावा देता है, जिससे वजन बढ़ना (weight gain) और अंततः मोटापा (obesity) होता है। मोटापा हृदय रोग (heart disease) और मधुमेह (diabetes) सहित कई बीमारियों का एक प्रमुख कारण है। मोटापे के अलावा, अत्यधिक चीनी (excessive sugar consumption) के सेवन से अन्य जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं।
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हृदय रोग (Heart Disease): इन स्नैक्स में मौजूद तत्व हृदय प्रणाली (cardiovascular system) के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं।
चीनी (Sugar): अत्यधिक चीनी का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) को बढ़ावा दे सकता है, ट्राइग्लिसराइड्स (triglyceride levels) को बढ़ा सकता है, अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL - "good" cholesterol) को कम कर सकता है, और रक्तचाप (blood pressure) बढ़ा सकता है। ये सभी कारक लंबे समय में क्रोनिक इन्फ्लेमेशन (chronic inflammation) और आपकी धमनियों में प्लाक (plaque in arteries - atherosclerosis) के निर्माण का कारण बनते हैं, जो अंततः दिल के दौरे (heart attacks) और स्ट्रोक (strokes) की ओर ले जाता है।
अस्वास्थ्यकर वसा (Unhealthy Fats): तले हुए खाद्य पदार्थों में अक्सर ट्रांस फैट (trans fats) और संतृप्त वसा (saturated fats) की मात्रा अधिक होती है, जो तेल के प्रकार पर निर्भर करती है। यदि इनका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो ये 'खराब' कोलेस्ट्रॉल (LDL - "bad" cholesterol) को बढ़ा सकते हैं और धीरे-धीरे आपकी धमनियों को कठोर और संकरा (harden and narrow) कर सकते हैं।
सोडियम (Sodium): कई प्रोसेस्ड स्नैक्स (processed snacks) में नमक की मात्रा अधिक होती है, जिससे रक्तचाप बढ़ता है। (Source Text) यह हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है, उसे अधिक मेहनत करनी पड़ती है, और धमनी की दीवारों को नुकसान (damage to artery walls) पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है।
जीवनशैली रोग (Lifestyle Diseases): आजकल, टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) और फैटी लिवर रोग (fatty liver disease) जैसी जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियाँ बच्चों में भी इन प्रकार के खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से जुड़ी हुई हैं। यहाँ तक कि इस बात पर भी चर्चा चल रही है कि सरकार उच्च-वसा (high-fat) और उच्च-शर्करा (high-sugar) वाले स्ट्रीट फूड पर स्वास्थ्य चेतावनी (health warnings) जारी कर सकती है, ठीक वैसे ही जैसे वे सिगरेट के धुएं के मामले में करते हैं, जो बढ़ती स्वास्थ्य महामारी का एक मजबूत संकेत होगा।
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