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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में एक सड़क हादसे के बाद हुई मौत में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक बड़ा विवाद सामने आया है जो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। दरअसल एक शख्स की मौत के बाद उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट एक दिन पहले तैयार कर दी गई जबकि मृतक की मौत के अगले दिन शव का पोस्टमार्टम किया गया था। इस गड़बड़ी ने न केवल स्वास्थ्य महकमे के कामकाज पर सवाल उठाए हैं बल्कि मृतक के परिवार को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
यह घटना 16 मई की है जब बिक्रमगंज-नटवार रोड पर स्थित एसडीओ आवास के पास सत्यनारायण गुप्ता नामक शख्स का सड़क हादसा हुआ। गंभीर रूप से घायल गुप्ता को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया और उनका इलाज जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। हालांकि 22 मई को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मगर यहां एक चौंकाने वाली बात सामने आई। सत्यनारायण गुप्ता की मौत 22 मई को हुई मगर उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट 21 मई की तैयार की गई। पोस्टमार्टम के लिए शव को सदर अस्पताल सासाराम भेजा गया था जहां लिखित अनुरोध पत्र के साथ शव को भेजा गया। मृतक के बेटे ने शव को पोस्टमार्टम हाउस से रसीद के साथ लिया था मगर रिपोर्ट के आने के बाद पता चला कि रिपोर्ट की तारीख एक दिन पहले की थी यानी 21 मई।
परिवार को हो रही है परेशानियां
गुप्ता के बेटे ने कहा "यह लापरवाही पूरी तरह से स्वास्थ्य महकमे की है। अब मुझे पिता की दुर्घटना बीमा क्लेम करने में दिक्कत हो रही है क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तारीख गलत दी गई है।" परिवार के लिए यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है और वे इस गड़बड़ी की वजह से लगातार परेशानी का सामना कर रहे हैं।
यह मामला धीरे-धीरे सिविल सर्जन जिलाधिकारी स्वास्थ्य विभाग के सचिव और यहां तक कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय तक पहुंच चुका है। मृतक के बेटे ने कहा "हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है और इस लापरवाही के कारण हम लगातार परेशान हो रहे हैं।"
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