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Up Kiran, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में तीस जून को आई अचानक बाढ़ ने पूरे धर्मपुर क्षेत्र के सियाठी गांव को बुरी तरह तबाह कर दिया। ये हादसा रात के वक्त हुआ जब तेज बारिश के बीच एक परिवार के घर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा। हालांकि, इस परिवार के लिए एक अप्रत्याशित चेतावनी ने उनकी जान बचा ली। इस खबर में हम उस घटना और उसके पीछे छिपी एक दिलचस्प प्राकृतिक घटना पर चर्चा करेंगे, जिसने ना सिर्फ कई परिवार की जान बचाई, बल्कि यह भी साबित किया कि जानवरों के साथ हमारी कनेक्टिविटी हमें कई बार बचा सकती है।

बाढ़ की त्रासदी और कुत्ते की चेतावनी

30 जून की रात जब मूसलधार बारिश हो रही थी, सियाठी गांव में एक परिवार के घर की दूसरी मंजिल पर सोया हुआ कुत्ता अचानक बुरी तरह भौंकने लगा। इस भौंकने के बाद परिवार के लोग जाग गए और जब उन्होंने देखा, तो उनके घर में बड़ी दरारें आ गई थीं और पानी भरने लगा था। परिवार ने तुरंत कुत्ते को लेकर घर छोड़ दिया और आसपास के लोगों को जगाकर सुरक्षित स्थान की ओर भागे।

लेकिन इस दौरान एक और बड़ा हादसा हुआ। उसी रात, एक पहाड़ का विशाल टुकड़ा टूटकर सियाठी गांव में गिरा, और कई घर उसके नीचे दब गए। यह वही समय था जब कुत्ते की चेतावनी ने परिवार को समय रहते अपनी जान बचाने का मौका दिया। यदि कुत्ता नहीं भौंकता, तो शायद यह परिवार भी उसी आपदा का शिकार हो जाता, जिसमें अनगिनत लोग काल के गाल में समा जाते।

जानवरों की अद्भुत छठी इंद्रिय

यह घटना हमें यह समझाने का मौका देती है कि जानवरों के पास वे अद्भुत इंद्रियां होती हैं, जिनसे वे प्राकृतिक आपदाओं का पहले से अनुमान लगा लेते हैं। कुत्ते ही नहीं, पक्षी, मछलियां और यहां तक कि कीड़े भी किसी खतरे का पहले से आभास कर लेते हैं। वे तब अजीब तरह से व्यवहार करने लगते हैं, जैसे पक्षी अपना घोंसला छोड़कर इधर-उधर उड़ने लगते हैं, या कुत्ते अचानक भौंकने लगते हैं।

कुत्ते, पक्षी, सांप, और चूहे जैसे जानवर प्राकृतिक आपदाओं का पहले अनुभव कर लेते हैं, क्योंकि उनका आंतरिक सिस्टम पृथ्वी की हलचलों और तरंगों को पहचानने में सक्षम होता है। ये जानवर उन सूक्ष्म बदलावों को समझ लेते हैं, जिन्हें हम इंसान सामान्यत: नहीं देख पाते। जैसे-जैसे वायुमंडल का दबाव बदलता है, या नमी में कोई बदलाव आता है, यह जानवर उसकी गहरी पहचान कर लेते हैं और इस तरह वे किसी आपदा की चेतावनी देने में सक्षम होते हैं।

प्राकृतिक आपदाओं में जानवरों का अद्भुत व्यवहार

इतिहास में कई उदाहरण मिलते हैं, जब जानवरों ने प्राकृतिक आपदाओं से पहले अजीब तरह से व्यवहार किया। उदाहरण के तौर पर, भारत के कुड्डालोर तट पर 2004 में आई सुनामी में हजारों लोग मारे गए थे, लेकिन वहां के जानवर जैसे भैंस, बकरियां और कुत्ते बिना किसी नुकसान के बच गए थे। यह घटना इस बात को साबित करती है कि जानवरों के पास ऐसी इंद्रियां हैं, जो हम मनुष्यों से कहीं अधिक संवेदनशील होती हैं।

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