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Up Kiran, Digital Desk: हाल के दिनों में हुए लगातार हमलों और तनाव के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान आखिरकार ‘तत्काल युद्धविराम’ पर राजी हो गए हैं। यह समझौता कतर और तुर्की की मध्यस्थता से दोहा में हुई बातचीत के दौरान हुआ।

कतर के विदेश मंत्री ने बयान में कहा कि दोनों देशों ने सीमा पर स्थायी शांति और स्थिरता के लिए एक तंत्र स्थापित करने का फैसला लिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह कदम तनाव घटाने और लंबे समय तक चलने वाले समाधान की नींव रखेगा।

48 घंटे का युद्धविराम टूटने के बाद फिर भड़की हिंसा

शांति की यह पहल तब हुई जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई थी। लेकिन शुक्रवार शाम यह विराम खत्म होते ही पाकिस्तानी विमानों ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में बमबारी कर दी।

पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक यह हमला आत्मघाती बम धमाके में शामिल हाफिज़ गुल बहादुर समूह को निशाना बनाकर किया गया था। इस हमले में अफगानिस्तान के 10 नागरिकों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं, बच्चे और तीन क्रिकेटर भी शामिल थे।

तालिबान की तीखी प्रतिक्रिया, अफगानिस्तान ने बताया संप्रभुता पर हमला

तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने इन हमलों को अफगानिस्तान की संप्रभुता का सीधा उल्लंघन बताया। उन्होंने पाकिस्तान की कार्रवाई को ‘उकसावे वाली रणनीति’ करार दिया और कहा कि इससे संघर्ष को और लंबा खींचने की साजिश की बू आती है।

इस हमले के बाद अफगान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान में होने वाली आगामी त्रिकोणीय क्रिकेट सीरीज को रद्द कर दिया। इस सीरीज में श्रीलंका भी शामिल होने वाला था।

पाकिस्तान ने फिर लगाए टीटीपी को समर्थन देने के आरोप

तनाव की शुरुआत इस महीने की शुरुआत में हुई थी जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर हमला किया। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान सरकार टीटीपी को समर्थन दे रही है, जबकि तालिबान ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है।

इसके जवाब में अफगान बलों ने डूरंड रेखा पर पाकिस्तानी पोस्ट्स पर जवाबी हमले किए, जिससे हालात और बिगड़ गए।