Up Kiran, Digital Desk: कपास किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने के लिए वारंगल जिले में सरकारी खरीदी केंद्र शुरू हो गए हैं। इस मौके पर स्थानीय विधायकों ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर निजी व्यापारियों को बेचकर नुकसान न उठाएं।
वारंगल पूर्व के विधायक रेवुरी प्रकाश रेड्डी ने मंगलवार को हनमकोंडा जिले के एनुममुला कृषि बाजार में भारतीय कपास निगम (CCI) द्वारा स्थापित एक खरीदी केंद्र का उद्घाटन किया। इसी तरह, भूपालपल्ली के विधायक गंड्रा सत्यनारायण राव ने भी परकल कृषि बाजार में एक और CCI केंद्र की शुरुआत की।
MSP से कम पर समझौता नहीं
इन उद्घाटन समारोहों में बोलते हुए, दोनों नेताओं ने किसानों को बिचौलियों और निजी व्यापारियों से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान अपनी कपास की उपज को सरकार द्वारा स्थापित इन केंद्रों पर ही बेचें ताकि उन्हें MSP का पूरा लाभ मिल सके।
सरकार ने लंबे रेशे वाले कपास के लिए ₹7,020 प्रति क्विंटल और मध्यम रेशे वाले कपास के लिए ₹6,620 प्रति क्विंटल का MSP तय किया है। विधायकों ने किसानों को आश्वासन दिया कि CCI केंद्रों पर उन्हें उनकी उपज का यही मूल्य मिलेगा।
सही नमी, सही दाम
विधायकों ने किसानों को एक और महत्वपूर्ण सलाह दी। उन्होंने कहा कि अच्छी कीमत पाने के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि किसान अपनी उपज को सुखाकर ही केंद्र पर लाएं। CCI के नियमों के अनुसार, कपास में 8% से 12% तक की नमी होने पर ही उसे पूरी कीमत पर ख़रीदा जाएगा।
अगर नमी 12% से ज़्यादा होती है, तो कीमत में कटौती की जा सकती है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपनी कपास की फसल में निर्धारित नमी मानकों का पालन करें।
नेताओं ने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि खरीदी प्रक्रिया के दौरान किसानों को किसी भी तरह की कोई असुविधा न हो। इन केंद्रों का उद्देश्य किसानों को बाज़ार की अनिश्चितताओं से बचाना और उनकी उपज का उचित और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना है।
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