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Up Kiran, Digital Desk: बच्चों के खाने-पीने को लेकर परेशान होना लगभग हर माता-पिता की कहानी है। अगर आपका बच्चा भी खाने में नखरे करता है, तो यह लेख आपके लिए है। विशेषज्ञ मानते हैं कि खाने में आनाकानी करना बच्चे का अपनी बात कहने का एक तरीका हो सकता है। यह सिर्फ ज़िद नहीं, बल्कि एक संदेश है जिसे समझने की ज़रूरत है।

जानी-मानी क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. ईशी खोसला का कहना है कि खाने से इनकार करना अक्सर बच्चे का अपनी परेशानी बताने का एक तरीका होता है, जिसे वह शब्दों में बयां नहीं कर पाता।

माता-पिता क्या करें?

डॉ. खोसला सलाह देती हैं कि बच्चों के साथ ज़बरदस्ती बिल्कुल न करें। इससे खाने को लेकर उनके मन में एक नकारात्मक भावना बैठ जाती है।

लक्ष्य बच्चे को नियंत्रित करना नहीं, बल्कि उसे समझना है। अगर बच्चे का वज़न लगातार घट रहा है या वह बहुत ज़्यादा चिड़चिड़ा हो रहा है, तो बाल रोग विशेषज्ञ या पोषण विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।

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