Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अब मच्छरों से जंग एक नए और हाई-टेक तरीके से लड़ी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया पर काबू पाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यह पहल खासकर मानसून के मौसम में इन बीमारियों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए की गई है।
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (DMHO) डॉ. बी. सत्य वर प्रसाद ने बताया कि ये ड्रोन उन दुर्गम इलाकों में दवा का छिड़काव करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं जहाँ पारंपरिक तरीकों से पहुँचना मुश्किल होता है – जैसे दलदली ज़मीनें, घनी झाड़ियाँ और बंद नालियाँ। उन्होंने बताया कि पहले इन जगहों पर कर्मचारियों को साँप और कीड़े-मकोड़ों का खतरा होता था, लेकिन ड्रोन से यह काम सुरक्षित और प्रभावी हो गया है।
इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत इसकी गति और दक्षता है। एक ड्रोन महज 7-8 मिनट में एक एकड़ क्षेत्र में दवा का छिड़काव कर सकता है, जिससे बड़े इलाकों को कम समय में कवर किया जा सकता है। यह न केवल मानव श्रम और समय बचाता है, बल्कि छिड़काव की सटीकता को भी बढ़ाता है, खासकर उन जगहों पर जहाँ पानी जमा रहता है और मच्छर पनपते हैं।
डॉ. प्रसाद ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग, और नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग के सहयोग से यह पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विशाखापत्तनम में इस परियोजना की सफलता के बाद इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। यह कदम निश्चित रूप से मच्छर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने और नागरिकों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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