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अमेरिका के प्रमुख हवाई अड्डों पर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है, और इसकी वजह है ड्रोन। देशभर के एयरपोर्ट्स पर उड़ान भरते और उतरते विमानों के बेहद करीब ड्रोन देखे जा रहे हैं, जिससे संभावित टकराव का खतरा बढ़ गया है। बीते साल सामने आए आंकड़ों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग दो-तिहाई घटनाएं ऐसी रही हैं जिनमें ड्रोन विमानों के बेहद पास पहुंच गए, और यह स्थिति 2020 के बाद सबसे गंभीर मानी जा रही है।

यह जानकारी एसोसिएटेड प्रेस द्वारा किए गए एक विस्तृत विश्लेषण में सामने आई है, जिसमें ड्रोन और विमानों के बीच दर्ज की गई घटनाओं की जांच की गई है।

आंकड़ों में क्या है खास

रिपोर्ट में सामने आया है कि नवंबर में सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक यात्री विमान से सिर्फ 300 फीट की दूरी पर एक ड्रोन दिखाई दिया। इससे पहले अक्टूबर में मियामी और अगस्त में नेवार्क हवाई अड्डे के पास भी इसी तरह की घटनाएं सामने आईं। बीते एक दशक के दौरान कुल 240 ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 122 मामले ड्रोन से संबंधित थे। इन आंकड़ों ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया है कि ड्रोन अब हवाई सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन चुके हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी

उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई अड्डों के आसपास ड्रोन की मौजूदगी बेहद खतरनाक हो सकती है। अगर कोई ड्रोन विमान से टकरा जाए, तो इससे ना सिर्फ यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है, बल्कि बड़े पैमाने पर विनाश भी हो सकता है। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने इस खतरे को गंभीरता से लिया है और इसके खिलाफ कई कदम उठाए हैं।

FAA की सख्ती और नियम

FAA ने ड्रोन उड़ाने के नियमों को सख्त कर दिया है। अब 250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और उनके लिए रेडियो ट्रांसपोंडर लगाना भी जरूरी हो गया है, ताकि उनकी पहचान की जा सके। इसके अलावा, हवाई अड्डों के पास ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इन नियमों को लागू कराना अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

तकनीकी उपायों की तरफ बढ़ता कदम

FAA अब टेक्नोलॉजी की मदद से ड्रोन की निगरानी और नियंत्रण को और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ड्रोन को ट्रैक करने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए जैमिंग डिवाइसेज, माइक्रोवेव और लेजर तकनीकों का परीक्षण किया जा रहा है। हाल ही में, ड्रोन से जुड़ी गतिविधियों के चलते दो लोगों को बोस्टन में गिरफ्तार किया गया है, वहीं कैलिफोर्निया में एक ड्रोन ऑपरेटर को विमान से टक्कर की घटना में दोषी ठहराया गया है।

सख्त कार्रवाई की जरूरत

विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक ड्रोन से जुड़े मामलों में कठोर सजा और तकनीकी समाधान नहीं होंगे, तब तक ये खतरा बना रहेगा। FAA की ओर से की जा रही कार्रवाइयों को सकारात्मक माना जा रहा है, लेकिन इस दिशा में और भी कदम उठाने की जरूरत है। यदि इन घटनाओं को समय रहते नहीं रोका गया, तो भविष्य में एक बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी कीमत जान-माल की भारी हानि हो सकती है।