ONOE BILL: सूत्रों ने बताया कि मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसे चालू शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। सत्तारूढ़ बीजेपी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार को ऐतिहासिक करार दिया है और दावा किया है कि यह कदम लागत प्रभावी और शासन के अनुकूल होगा। कई मौकों पर पीएम मोदी ने एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा की तारीफ की है और कहा है कि ये समय की मांग है। इस दौरान विपक्ष सरकार का मुंह देखता रहा गया।
इससे पहले सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशव्यापी आम सहमति बनाने की कवायद के बाद चरणबद्ध तरीके से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था।
राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने 2 सितंबर, 2023 को अपने गठन के बाद से हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श और 191 दिनों के शोध कार्य के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी।
समिति के अन्य सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल थे। इसके अलावा, विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य थे और डॉ. नितेन चंद्र एचएलसी के सचिव थे।
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