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                                                Up Kiran, Digital Desk: रिजर्व बैंक ने एक बार फिर आम आदमी को राहत देते हुए ईएमआई का बोझ कम किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया। इसके बाद अब रेपो रेट 5.50 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले भी रिजर्व बैंक ने आम आदमी को राहत देते हुए रेपो रेट में कटौती की थी। इस बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले विशेषज्ञों ने रेपो रेट में कटौती की संभावना जताई थी। संजय मल्होत्रा ने कहा, 'वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है। भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए कई मौके हैं।' रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की।
उन्होंने कहा, 'मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपने नीतिगत रुख को 'समायोजनकारी' से बदलकर 'तटस्थ' कर दिया है। मौजूदा हालात में ग्रोथ को सपोर्ट करने की गुंजाइश सीमित है, इसलिए यह बदलाव जरूरी है।' खाद्य मुद्रास्फीति पर उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी कीमतों में गिरावट के कारण यह नियंत्रण में रहेगी।
इससे पहले फरवरी और अप्रैल में हुई पिछली दो मौद्रिक नीति समिति की बैठकों में आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दर रेपो में कुल 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी। इसके बाद रेपो दर छह प्रतिशत पर आ गई थी। इसके बाद हर तरफ से उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बैठक में भी रेपो दर में कटौती की जाएगी।
क्या कहा विशेषज्ञों ने
विशेषज्ञों ने पहले यह राय जताई थी कि रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है और अगस्त की बैठक में भी यह सिलसिला जारी रहने की संभावना है। दूसरी ओर, एसबीआई के एक शोध ने उम्मीद जताई थी कि रिजर्व बैंक जून की समीक्षा बैठक में ही 0.50 प्रतिशत की 'जंबो' कटौती कर सकता है। केयरएज रेटिंग्स ने कहा कि हालांकि विकास की गति में सुधार हुआ है, मगर असमान खपत, कम निजी पूंजीगत व्यय वृद्धि और उत्पादन वृद्धि में मंदी जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। एमपीसी में आरबीआई के तीन सदस्य और सरकार द्वारा नियुक्त तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं। आरबीआई के सदस्य गवर्नर संजय मल्होत्रा, डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन हैं, जबकि बाहरी सदस्यों में नागेश कुमार, सौगत भट्टाचार्य और प्रोफेसर राम सिंह शामिल हैं।
 
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