
Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में भारत के कई हिस्सों में धरती कांपने की खबरें आई हैं। जम्मू कश्मीर, गुजरात और लेह-लद्दाख में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। राहत की बात ये है कि इन झटकों से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
शुक्रवार देर रात गुजरात में 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। वहीं, जम्मू कश्मीर में भी रात के समय 2.7 तीव्रता का भूकंप आया। लेह-लद्दाख क्षेत्र में भी लोगों ने कंपन महसूस किया, जहाँ भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई।
गुजरात: भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्र
यह जानना महत्वपूर्ण है कि गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (GSDMA) के अनुसार, गुजरात भूकंप के लिहाज़ से काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। पिछले 200 सालों में यहाँ नौ बड़े भूकंप आ चुके हैं। इनमें सबसे विनाशकारी 26 जनवरी 2001 को कच्छ में आया भूकंप था, जिसे पिछली दो शताब्दियों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा भूकंप माना जाता है। इस त्रासदी में करीब 13,800 लोगों की जान चली गई थी और 1.67 लाख लोग घायल हुए थे।
कैसे मापते हैं भूकंप की ताकत (रिक्टर स्केल)?
भूकंप कितना शक्तिशाली था, इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। आइए समझें कि अलग-अलग तीव्रता का क्या असर होता है:
0 से 1.9: सिर्फ सीज्मोग्राफ (भूकंप मापने का यंत्र) ही पता लगा पाता है।
2 से 2.9: बहुत हल्का कंपन, जिसे शायद ही महसूस किया जा सके।
3 से 3.9: ऐसा महसूस होता है जैसे पास से कोई भारी ट्रक गुजरा हो।
4 से 4.9: घर में रखी चीजें हिल सकती हैं या गिर सकती हैं। खिड़कियां बज सकती हैं।
5 से 5.9: भारी फर्नीचर हिल सकता है, दीवारों पर प्लास्टर गिर सकता है।
6 से 6.9: इमारतों की नींव में दरारें आ सकती हैं, कमजोर इमारतें गिर सकती हैं।
7 से 7.9: इमारतें ढह जाती हैं, जमीन में दरारें पड़ सकती हैं।
8 से 8.9: भारी तबाही, पुल गिर सकते हैं, सुनामी का खतरा बढ़ जाता है।
9 या ज्यादा: भयानक विनाश, धरती बुरी तरह कांपती है, बड़े पैमाने पर तबाही होती है।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप? भूकंप एक प्राकृतिक घटना है। हमारी पृथ्वी की ऊपरी सतह कई बड़ी प्लेटों (टेक्टोनिक प्लेट्स) से बनी है, जो लगातार धीरे-धीरे खिसकती रहती हैं। जब इन प्लेटों के किनारे आपस में टकराते हैं, रगड़ खाते हैं या एक-दूसरे से दूर जाते हैं, तो जमीन के अंदर भारी तनाव पैदा होता है। यही तनाव जब अचानक ऊर्जा के रूप में बाहर निकलता है, तो धरती कांपने लगती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं।
भारत में भूकंप आने का एक मुख्य कारण हिमालय क्षेत्र में होने वाली टेक्टोनिक गतिविधियां हैं। यहां भारतीय प्लेट लगातार यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, जिससे इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
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