
दक्षिण अमेरिकी देश चिली एक बार फिर भूकंप की चपेट में आ गया है। रविवार को उत्तरी चिली में रिक्टर स्केल पर 5.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 178 किलोमीटर गहराई में था, जो इसे गहराई से उत्पन्न होने वाला भूकंप बनाता है।
लोगों में दहशत, पर कोई जानमाल का नुकसान नहीं
भूकंप के झटकों के बाद स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई। लोग अपने घरों और इमारतों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े। हालांकि राहत की बात यह रही कि अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। न तो किसी इमारत को नुकसान पहुंचा है और न ही कोई व्यक्ति घायल होने की सूचना मिली है। चिली की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने भी यह स्पष्ट किया है कि भूकंप की तीव्रता मध्यम थी और नुकसान की आशंका बहुत कम है।
भूकंप का केंद्र कहां था?
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने बताया कि भूकंप का केंद्र सैन पैड्रो डी अटाकामा से लगभग 104 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। यह इलाका चिली और बोलीविया की सीमा के पास स्थित एक छोटा और शांत शहर है, जो अब भूकंप के बाद सुर्खियों में आ गया है।
सुनामी की कोई चेतावनी नहीं
भूकंप के बाद आमतौर पर सुनामी की आशंका बनी रहती है, खासकर चिली जैसे देशों में, जो भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस बार चिली सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। इसका एक कारण यह भी है कि भूकंप समुद्र की सतह के बहुत भीतर आया था, जिससे लहरों को उछालने वाली ऊर्जा उत्पन्न नहीं हो सकी।
रिंग ऑफ फायर पर स्थित है चिली
चिली को भूगर्भीय दृष्टि से ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा माना जाता है। यह प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला एक ऐसा क्षेत्र है जहां टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियां सबसे ज्यादा होती हैं। चिली से लेकर अलास्का तक यह बेल्ट फैली हुई है और अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों का गवाह बनती है।
इतिहास में दर्ज हैं बड़े और विनाशकारी भूकंप
चिली में भूकंप कोई नई बात नहीं है। 2010 में आए भयानक भूकंप को आज भी लोग नहीं भूले हैं, जब रिक्टर स्केल पर 8.8 तीव्रता मापी गई थी। उस त्रासदी में 526 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। उससे भी पहले, 1960 में दुनिया का सबसे शक्तिशाली भूकंप चिली में ही आया था, जिसकी तीव्रता 9.5 थी। वाल्डिविया शहर के पास केंद्रित इस भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई थी और बाद में आई सुनामी ने हालात और खराब कर दिए थे। इसमें करीब 1,655 लोगों की मौत हुई थी।
सतर्कता जरूरी, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं
हालांकि इस बार का भूकंप विनाशकारी नहीं था, फिर भी यह एक चेतावनी है कि चिली जैसे देशों में सतर्कता बनाए रखना कितना जरूरी है। भूकंप के बाद अधिकारियों द्वारा स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।