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Up Kiran, Digital Desk: स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को सरल बनाने और दरों में कम करने की घोषणा का व्यापक स्वागत किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बसवरराज बोम्मई ने इस कदम को 'कर सरलीकरण' की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह आने वाले दिनों में व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होगा।

'एक राष्ट्र, एक कर' की दिशा में एक और कदम

बसवरराज बोम्मई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पांच साल पूरे कर चुके जीएसटी का मूल उद्देश्य 'एक राष्ट्र, एक कर' के सिद्धांत पर चलना था, जो एक सरलीकृत और समान कराधान प्रणाली प्रदान करे। प्रधानमंत्री ने छोटे व्यापारियों और किसानों को लाभ पहुंचाने के इरादे से यह सुधार लागू किया था। हालांकि, पांच वर्षों के अनुभव के बाद, किसानों, छोटे व्यापारियों और बड़े व्यवसायियों सभी ने कुछ बदलावों की आवश्यकता व्यक्त की थी। इस फीडबैक के आधार पर, कर स्लैब (Tax Slabs) को कम करने और कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों को घटाने का निर्णय लिया गया।

जीएसटी परिषद में सुझाव: बोम्मई की भूमिका

सांसद बोम्मई ने बताया कि उनके नेतृत्व में मंत्रियों के समूह (Group of Ministers) ने लगभग डेढ़ साल तक एक व्यापक अध्ययन किया और जीएसटी परिषद (GST Council) को सरलीकरण और पुनर्वर्गीकरण के लिए कई सिफारिशें सौंपी थीं। इनमें कई आवश्यक वस्तुओं को निचले कर स्लैब में रखना और कुल स्लैब की संख्या को कम करना शामिल था। उन्होंने कहा, "हमने तब व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए जीएसटी परिषद के समक्ष ये सुझाव प्रस्तुत किए थे।"

प्रधानमंत्री की घोषणा का महत्व:पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित कुछ संशोधनों को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से इसकी घोषणा का अत्यधिक स्वागत है। यह कर सरलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। आने वाले दिनों में, यह व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। उन्होंने कहा, "यह नरेंद्र मोदी का एक विशेष योगदान है, और चूंकि उन्होंने दिवाली से पहले इसकी घोषणा की है, मुझे विश्वास है कि पूरा राष्ट्र इसका खुशी-खुशी स्वागत करेगा। मैं प्रधानमंत्री मोदी को हार्दिक बधाई देता हूं।"

क्या होगा सस्ता:यह कर सुधार विशेष रूप से आम आदमी के लिए दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर करों का बोझ कम करेगा। खबरों के अनुसार, जो वस्तुएं वर्तमान में 12% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आती हैं, उन्हें 5% स्लैब में ले जाया जा सकता है, और 28% स्लैब की वस्तुओं को 18% स्लैब में लाया जा सकता है। "एक राष्ट्र, एक कर" की भावना को मजबूत करते हुए, यह कदम आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री मोदी की यह घोषणा, खासकर दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारी सीजन से ठीक पहले, निश्चित रूप से देश भर में खुशी की लहर लाएगी।

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