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शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार जरूरी है, लेकिन जब खाने की मात्रा जरूरत से ज़्यादा हो जाती है, तो वही भोजन नुकसानदायक बन सकता है। आजकल बहुत से लोग बिना सोचे-समझे ज्यादा खाना खा लेते हैं, जिसका सीधा असर उनके लिवर पर पड़ता है।

दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों में ये समस्या तेजी से बढ़ रही है। यहां के लोग न केवल अनहेल्दी खाना खा रहे हैं, बल्कि उसकी मात्रा भी जरूरत से कहीं ज्यादा होती है। यही वजह है कि फैटी लिवर की समस्या आम हो गई है।

फैटी लिवर पर डॉक्टर्स की चेतावनी

विश्व लिवर दिवस के मौके पर एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर शालीमार ने इस बढ़ती हुई समस्या को लेकर चिंता जताई। उनके अनुसार, फैटी लिवर अब सिर्फ शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी एक तेजी से फैलने वाली बीमारी बन चुकी है। इसकी जड़ में तीन मुख्य कारण हैं—गलत खान-पान, आवश्यकता से अधिक खाना और खराब जीवनशैली।

दिल्ली में फैटी लिवर के आंकड़े

डॉ. शालीमार की हालिया स्टडी के मुताबिक, दिल्ली में 30 से 60 साल की उम्र के 60% लोगों में फैटी लिवर की समस्या पाई गई है। पूरे भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति इससे प्रभावित है। चौंकाने वाली बात यह है कि अब बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं—तीन में से एक बच्चा फैटी लिवर का शिकार हो रहा है।

जरूरत से ज्यादा खाना बना लिवर का दुश्मन

डॉक्टरों की राय में दिल्ली जैसे महानगरों में फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण अधिक भोजन करना है। लोग अक्सर भूख से ज़्यादा खा लेते हैं, जिससे शरीर अतिरिक्त फैट को स्टोर करने लगता है, खासकर लिवर में। इस बार लिवर डे की थीम भी थी “Food is Medicine” यानी खाना ही दवा है। लेकिन जब यही खाना गलत तरीके से खाया जाए, तो यह बीमारी का कारण बन जाता है।

आज की लाइफस्टाइल में पैक्ड फूड, मैदे से बने खाद्य पदार्थ, अधिक मिठास वाले व्यंजन और बाहर का खाना हमारी आदत बन चुके हैं। ऊपर से व्यायाम की कमी और दिनचर्या की अनियमितता लिवर की हालत को और बिगाड़ रही है।

कैसे रखें लिवर को स्वस्थ?

लिवर को स्वस्थ रखने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है—अपने खाने की आदतों में बदलाव लाना। सही खानपान और जीवनशैली अपनाकर लिवर की समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। डॉक्टर्स का मानना है कि लिवर में खुद को पुनर्जीवित करने की अद्भुत क्षमता होती है।

इसके लिए आपको अपने भोजन में ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, और लीन प्रोटीन शामिल करना चाहिए। प्रोसेस्ड और ज्यादा तले-भुने खाने से परहेज करें। नियमित रूप से हल्का व्यायाम करना और पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है।

बच्चों को भी दें हेल्दी फूड की शिक्षा

लिवर डे के मौके पर डॉक्टरों ने स्कूलों, शिक्षकों और माता-पिता से अपील की कि वे बच्चों को पोषणयुक्त भोजन की आदत डालें। साथ ही सरकार से आग्रह किया कि वह फूड लेबलिंग के नियमों को सख्त बनाए और स्कूलों में हेल्दी फूड मेन्यू सुनिश्चित करे।

चीनी से भरपूर ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड से बच्चों को दूर रखने की जरूरत है। यह याद रखना जरूरी है कि खाना केवल पेट भरने के लिए नहीं है, बल्कि यह शरीर के लिए एक दवा की तरह काम करता है।

गैरजरूरी दवाओं से बचें

लिवर को बचाने के लिए एक और महत्वपूर्ण सलाह है—बिना जरूरत दवाएं न लें। खुद को मजबूत बनाने के लिए प्राकृतिक और पौष्टिक आहार का सहारा लें। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और लिवर भी स्वस्थ रहेगा।