img

Up Kiran, Digital Desk: देश में ‘लाल आतंक’ अब खत्म होने की दिशा में है। छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने स्वीकार किया है कि पिछले एक साल में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में उनके 357 माओवादी मारे गए हैं। मंगलवार को जारी एक प्रेस नोट में उन्होंने यह बात कही। मारे गए नक्सलियों में 136 महिला सदस्य भी शामिल हैं।

यह जानकारी गोंडी भाषा और अंग्रेजी में छपी 24 पेज की बुकलेट के माध्यम से दी गई है। नक्सली संगठन ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक ‘शहीदी सप्ताह’ मनाने की घोषणा की है, जिसमें वे विभिन्न इलाकों में पोस्टर, बैनर और सभाएं आयोजित कर सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में 136 महिलाएं, 4 केंद्रीय कमेटी सदस्य, 15 राज्य कमेटी के वरिष्ठ सदस्य और 281 दण्डकारण्य क्षेत्र के नक्सली शामिल हैं। नक्सली संगठन ने यह भी माना है कि यह अब तक का सबसे बड़ा झटका है, जो सुरक्षा बलों की प्रभावी कार्रवाई, तकनीकी निगरानी और स्थानीय लोगों के सहयोग के कारण हुआ है।

केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त मुहिम से नक्सलियों की स्थिति कमजोर हुई है। नक्सली या तो सरेंडर कर रहे हैं, अरेस्ट हो रहे हैं या सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारे जा रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में माओवादियों से किसी भी बातचीत से इनकार करते हुए कहा था कि उन्हें हथियार छोड़कर पुलिस के सामने सरेंडर कर मुख्यधारा में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति हथियारबंदों से बातचीत न करने की है। उन्होंने यह भी कहा कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। शाह ने बताया कि आदिवासी इलाकों में नक्सली हिंसा में पिछले 40 वर्षों में 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस समस्या को 2026 तक खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

--Advertisement--