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Up Kiran, Digital Desk: सावन के पावन महीने में जहां एक ओर शिवभक्त बड़ी आस्था के साथ मंदिरों का रुख कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में अवशानेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे ने प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी। सोमवार तड़के मंदिर परिसर में बिजली का तार गिरने से मची भगदड़ में दो लोगों की जान चली गई और 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
श्रद्धा की भीड़ बनी खतरा, बिजली का करंट बना हादसे की वजह
यह हादसा उस वक्त हुआ जब रात करीब 2 बजे हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए मंदिर पहुंचे थे। मंदिर परिसर में टिन की छत पर अचानक एक हाई-वोल्टेज तार गिर गया, जिससे वहां करंट फैल गया। बताया जा रहा है कि यह तार बंदरों के झुंड के कारण टूटा, जो तार पर उछल-कूद कर रहे थे। करंट फैलते ही शेड के नीचे मौजूद सैकड़ों श्रद्धालु घबरा गए और बाहर निकलने की कोशिश में अफरा-तफरी मच गई। भगदड़ के हालात ऐसे बने कि दो लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी: "एक पल में मेला मातम में बदल गया"
जो लोग मौके पर मौजूद थे, उन्होंने बताया कि माहौल अचानक ऐसा बदला कि लोगों को कुछ समझ ही नहीं आया। “लोग चिल्ला रहे थे, एक-दूसरे पर गिर रहे थे, और कोई नहीं जान पा रहा था कि आखिर हुआ क्या है,” एक महिला श्रद्धालु ने बताया।
तत्काल हरकत में आया प्रशासन, फिर भी उठे सवाल
पुलिस बल पहले से तैनात था, लेकिन हादसे की तीव्रता को देखते हुए अतिरिक्त फोर्स और एम्बुलेंस बुलानी पड़ी। ज़िला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्यों की निगरानी की। ज़िलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने स्थिति का जायज़ा लिया और घायलों को पास के स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, संवेदनाएं व्यक्त कीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों के इलाज में कोई कमी न हो और राहत कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा किया जाए। सीएमओ अवधेश कुमार यादव खुद चिकित्सा प्रबंधन की निगरानी कर रहे हैं।
धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
अवशानेश्वर महादेव मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से अहम है, बल्कि सावन के दौरान यहां विशेष भीड़ उमड़ती है। ऐसे में यह हादसा प्रशासनिक तैयारियों और सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल खड़ा करता है। स्थानीय लोगों ने मंदिरों में बिजली संबंधी संरचना की समीक्षा और भीड़ प्रबंधन की नई रणनीति तैयार करने की मांग की है।
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