
Up Kiran, Digital Desk: हमारे देश में इंजीनियरिंग शिक्षा हमेशा से ही करियर का एक लोकप्रिय और प्रतिष्ठित विकल्प रही है, लेकिन अक्सर इसे लेकर छात्रों और उनके अभिभावकों के मन में कई तरह के भ्रम और अनिश्चितताएं होती हैं। इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाएं क्या हैं, उनमें क्या पढ़ाया जाता है, किस शाखा में क्या करियर विकल्प हैं, और क्या यह सबके लिए सही है - इन सवालों के जवाब हमेशा स्पष्ट नहीं होते। इसीलिए, इंजीनियरिंग शिक्षा को 'सरल बनाना' और इसे लेकर मौजूद रहस्यों या भ्रमों को दूर करना अब समय की मांग है।
जब छात्रों को इंजीनियरिंग के वास्तविक स्वरूप, इसकी चुनौतियों और अवसरों के बारे में सही और स्पष्ट जानकारी मिलती है, तो वे अपने भविष्य के बारे में ज़्यादा सोच समझकर फैसला ले पाते हैं। उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि उनकी रुचि किस शाखा में है और कौन सा रास्ता उनके लिए सही रहेगा। इससे न केवल उन्हें सही कॉलेज और कोर्स चुनने में मदद मिलती है, बल्कि पढ़ाई के दौरान होने वाले तनाव और बाद में करियर संबंधी निराशा से भी बचा जा सकता है।
यह ज़िम्मेदारी केवल कॉलेजों या विश्वविद्यालयों की नहीं है, बल्कि इसमें स्कूल, करियर काउंसलर, अभिभावक और यहां तक कि उद्योग जगत को भी भूमिका निभानी होगी। उन्हें मिलकर छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान देना होगा, पेशेवरों से बातचीत के अवसर प्रदान करने होंगे और इंजीनियरिंग के विभिन्न पहलुओं को सरल भाषा में समझाना होगा।
जब इंजीनियरिंग शिक्षा को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रम कम होंगे, तभी सही प्रतिभाएं सही जगह पर पहुंचेंगी और देश को वाकई में सक्षम इंजीनियर मिलेंगे जो भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें।
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