
Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के मैदान पर प्रतिद्वंद्विता अक्सर ज़ुबानी जंग का रूप ले लेती है, और भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ में तो इसकी कोई कमी नहीं है। अब इस कड़ी में इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज हैरी ब्रूक ने एक ऐसा 'बम' फोड़ा है, जिससे चौथे टेस्ट से पहले क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है! ब्रूक का सीधा आरोप है कि रांची टेस्ट में भारत लक्ष्य निर्धारित करने से 'डरा हुआ था'।
यह बयान उस रांची टेस्ट के बाद आया है, जहां भारत ने चौथी पारी में 192 रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली थी। मैच के बाद अक्सर खिलाड़ी जीत या हार पर ही बात करते हैं, लेकिन ब्रूक ने अपनी बात से एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
ब्रूक का चौंकाने वाला बयान: हैरी ब्रूक ने कहा है, "मुझे लगता है कि वे (भारत) लक्ष्य निर्धारित करने से डरे हुए थे। उन्होंने 500 रन की लीड के बजाय एक छोटा सा लक्ष्य दिया। अगर वो हमें 250 या 300 का लक्ष्य देते तो हमें उस लक्ष्य का पीछा करने में ज़्यादा मज़ा आता।" उनका यह बयान भारतीय टीम के आत्मविश्वास को चुनौती देने और मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
बैज़बॉल' रणनीति और मनोवैज्ञानिक युद्ध: इंग्लैंड की टीम 'बैज़बॉल' (Bazball) रणनीति के तहत हमेशा आक्रामक क्रिकेट खेलने के लिए जानी जाती है। उनकी यह आक्रामक मानसिकता सिर्फ खेल तक ही सीमित नहीं, बल्कि बयानों और मानसिक दबाव बनाने में भी दिखती है। ब्रूक का यह बयान उसी आक्रामकता का प्रतीक है, जिसके ज़रिए वे भारतीय टीम पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि भारत ने रांची में लक्ष्य इसलिए नहीं दिया क्योंकि वे बाद में बल्लेबाजी करने से डर रहे थे।
आगे क्या? अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम इस बयान पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। क्या यह बयान उन्हें और ज़्यादा प्रेरित करेगा या उन पर दबाव बढ़ाएगा? भारतीय कप्तान और टीम प्रबंधन निश्चित रूप से इस पर अपनी चुप्पी तोड़ सकते हैं या फिर मैदान पर अपने प्रदर्शन से इसका जवाब देंगे।
धर्मशाला में होने वाला चौथा टेस्ट अब सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक युद्ध भी बन गया है। हैरी ब्रूक ने अपनी बात कहकर आग तो लगा दी है, अब इंतज़ार है कि कौन सी टीम इस आग में झुलसती है और कौन सी इससे और ज़्यादा मजबूत होकर निकलती है।
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