
Up Kiran, Digital Desk: भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी की खुशियाँ पूरे भारत में मनाई जा रही हैं, और इसके साथ ही दही हांडी उत्सव का उत्साह भी चरम पर है। यह त्यौहार, जो श्री कृष्ण की बचपन की शरारतों और 'माखन चोरी' की लीलाओं को जीवंत करता है, 'गोविंदाओं' (प्रतिभागियों) के लिए एक रोमांचक चुनौती प्रस्तुत करता है। हजारों की संख्या में युवा, मानव पिरामिड बनाकर ऊँचाई पर लटकाई गई 'हांडी' को फोड़ने का प्रयास करते हैं, जिसमें दूध, दही, फल, मिठाइयाँ और कभी-कभी पैसे भी भरे होते हैं।
जोखिम और सावधानियां: 'गोविंदाओं' की सुरक्षा सर्वोपरि
हालांकि, इस उत्सव की रोमांचक प्रकृति के साथ-साथ कुछ गंभीर जोखिम भी जुड़े हुए हैं। पिछले वर्षों में, मानव पिरामिड के गिरने और दुर्घटनाओं की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें प्रतिभागियों को चोटें आई हैं और दुखद रूप से, कुछ मामलों में जान भी गई है।
इन घटनाओं को देखते हुए, स्थानीय अधिकारियों ने आयोजकों के लिए कड़े सुरक्षा उपायों को अनिवार्य कर दिया है। यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उत्सव में भाग लेने वाले 'गोविंदाओं' और दर्शकों दोनों की सुरक्षा सर्वोपरि रहे।
सुरक्षा दिशानिर्देश जो हर बार होने चाहिए: उत्सव को बनाएं सुरक्षित और यादगार!
यह सुनिश्चित करने के लिए कि दही हांडी का उत्सव आनंदमय और दुर्घटना-मुक्त रहे, निम्नलिखित सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन अत्यंत आवश्यक है:
प्रशिक्षित गोविंदा: पिरामिड बनाने वाले गोविंदाओं को उचित प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए और उन्हें अपनी शारीरिक क्षमताओं की सीमाएं पता होनी चाहिए।
पिरामिड की ऊंचाई और स्थिरता: हांडी को बहुत अधिक ऊंचाई पर न लटकाया जाए, और पिरामिड के आधार को मजबूत और स्थिर बनाया जाए, जिसमें पर्याप्त संख्या में गोविंदा शामिल हों।
सुरक्षा पैडिंग: पिरामिड के नीचे और आसपास सुरक्षा के लिए पैडिंग या गद्दे की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि गिरने की स्थिति में चोटों को कम किया जा सके।
चिकित्सा दल की उपलब्धता: उत्सव स्थल पर प्रशिक्षित चिकित्सा दल और प्राथमिक उपचार की सुविधा हर समय उपलब्ध होनी चाहिए।
ऊंचाई और दूरी के नियम: स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित हांडी की ऊंचाई और पिरामिड बनाने वाले गोविंदाओं की संख्या के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
भीड़ नियंत्रण: उत्सव स्थल पर भीड़ को नियंत्रित किया जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की भगदड़ या दुर्घटना से बचा जा सके।
अनुमति और निरीक्षण: सभी आयोजकों को संबंधित स्थानीय अधिकारियों से आवश्यक अनुमति लेनी चाहिए और उनके द्वारा जारी किए गए सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
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