
Up Kiran, Digital Desk: वेमुलावाड़ा, 7 अगस्त - अवैध शराब व्यापार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में, आबकारी विभाग ने मंगलवार को वेमुलावाड़ा में एक अवैध बॉटलिंग इकाई चलाने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया. ये आरोपी सस्ती शराब को प्रतिष्ठित ब्रांडेड शराब की बोतलों में फिर से पैक कर बेच रहे थे. यह गिरफ्तारी विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर की गई एक सघन निगरानी अभियान के बाद हुई है.
आखिर कैसे हुआ पर्दाफाश? 'ब्रैंडेड' बोतलों में ज़हर परोसने वालों का चौंकाने वाला खुलासा!
स्थानीय आबकारी कार्यालय में बुधवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सर्कल इंस्पेक्टर राजशेखर राव ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया. उन्होंने बताया कि आरोपी तुनिकी कार्तिक, जो वेमुलावाड़ा अर्बन मंडल के रुद्रवनम स्थित आर एंड आर कॉलोनी का निवासी है, प्रतिष्ठित शराब ब्रांडों जैसे ब्लैक एंड व्हाइट, विलियम्स सन, ब्लैक डॉग, रेड लेबल और सिग्नेचर की खाली बोतलों को गोपनीय रूप से एकत्र कर रहा था. ये खाली बोतलें कथित तौर पर नकली (स्प्यूरीयस) शराब से भरी जाती थीं और फिर स्थानीय बाजार में unsuspecting उपभोक्ताओं को बेची जाती थीं.
नकली शराब का भंडाफोड़: कार्तिक के घर से निकला ज़हरीले माल का बड़ा ज़ख़ीरा, देखकर उड़ गए होश!
प्राप्त खुफिया जानकारी पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, आबकारी टीम ने कार्तिक के आवास पर छापा मारा, जहां उन्हें बड़ी मात्रा में नकली शराब का स्टॉक मिला. जब्त किए गए माल में 9 दो-लीटर और 9 एक-लीटर पानी की बोतलें शामिल थीं, जिनमें घटिया क्वालिटी की शराब भरी हुई थी. इसके अतिरिक्त, तीन सिग्नेचर ब्रांडेड बोतलें भी मिलीं.यह छापेमारी अवैध शराब (illegal liquor) के कारोबार पर विभाग की बड़ी जीत मानी जा रही है
दोगुने मुनाफे का लालच: छह महीने में 2 लाख का अवैध कारोबार, आखिर कौन है मास्टरमाइंड?
पूछताछ के दौरान, कार्तिक ने स्वीकार किया कि वह वेमुलावाड़ा शहर के डामरपल्ली संतोष नामक एक साथी की मदद से छह महीने से अधिक समय से इस ऑपरेशन को चला रहा था. संतोष के परिसर पर की गई बाद की तलाशी में और भी अवैध सामान बरामद हुआ. इसमें सिग्नेचर और विलियम्स की तीन-तीन बोतलें (750 मिली), और आईबी, आरसी रेड और रॉयल ग्रीन की एक-एक बोतलें शामिल थीं, साथ ही आरसी रेड की आधी लीटर की बोतल भी मिली. अधिकारियों का अनुमान है कि जब्त की गई सामग्री का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 50,000 रुपये है, जबकि छह महीने की अवधि के दौरान दोनों द्वारा किए गए कुल अवैध लेनदेन 2 लाख रुपये से अधिक होने का संदेह है. यह 'अवैध शराब गिरोह' (illicit liquor gang) इलाके में 'शराब की तस्करी' (liquor smuggling) का एक बड़ा जरिया बन चुका था
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