Up Kiran, Digital Desk: पिछले हफ्ते बाजार में रही सुस्ती के बाद आज, यानी मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) के लिए एक अच्छी सुबह होने की उम्मीद है। सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजारों (US Markets) में आई मजबूती का असर आज दलाल स्ट्रीट पर भी देखने को मिल सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ग्लोबल संकेतों (Global Cues) के दम पर आज बाजार की शुरुआत हरे निशान में हो सकती है।
सोमवार को अमेरिकी बाजारों में रौनक देखने को मिली। वहां के प्रमुख इंडेक्स, डाओ जोन्स और S&P 500, मजबूती के साथ बंद हुए। इस तेजी का सबसे बड़ा कारण यह था कि सरकार के 41 दिनों से चले आ रहे शटडाउन (तालाबंदी) के खत्म होने की खबर से निवेशकों ने राहत की सांस ली है। इस पॉजिटिव माहौल का असर एशियाई बाजारों पर भी दिख रहा है और उम्मीद है कि भारतीय बाजार भी इसी ट्रेंड को फॉलो करेगा।
कल कैसा था भारतीय बाजार का हाल?
अगर सोमवार की बात करें, तो भारतीय बाजार सपाट बंद हुआ था।
सेंसेक्स लगभग 21.36 अंक गिरकर 79,796.79 पर बंद हुआ।
वहीं, निफ्टी 25.40 अंक चढ़कर 24,185.70 के स्तर पर बंद हुआ।
अब आज निवेशकों की नजर इस बात पर होगी कि बाजार इस शुरुआती बढ़त को बनाए रख पाता या नहीं। चलिए जानते हैं कि एक्सपर्ट्स के अनुसार, आज ट्रेडिंग के दौरान आपको किन स्तरों पर नजर रखनी चाहिए।
निफ्टी (Nifty) के लिए क्या हैं अहम लेवल?
सपोर्ट (Support): निफ्टी के लिए आज नीचे की तरफ पहला और सबसे मजबूत सहारा 24,100 का स्तर माना जा रहा है। अगर बाजार यहां से नीचे फिसलता है, तो अगला सपोर्ट 24,000 के साइकोलॉजिकल लेवल पर मिलेगा।
रेजिस्टेंस (Resistance): ऊपर की तरफ, निफ्टी के लिए पहली रुकावट 24,250 के स्तर पर देखने को मिल सकती अगर बाजार इस लेवल को पार कर लेता है, तो अगली बड़ी बाधा 24,300 पर होगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 24,300 का लेवल पार करने के बाद ही बाजार में एक बड़ी और टिकाऊ तेजी देखने को मिल सकती है।
सेंसेक्स (Sensex) के लिए इन लेवल्स पर रखें नजर
सपोर्ट (Support): सेंसेक्स के लिए नीचे की ओर पहला मजबूत पड़ाव 79,600 है। इसके टूटने पर अगला सपोर्ट 79,400 पर मिल सकता
रेजिस्टेंस (Resistance): ऊपर की तरफ सेंसेक्स के लिए पहली चुनौती 80,000 का बड़ा मनोवैज्ञानिक स्तर होगा। अगर सेंसेक्स इसे पार कर लेता है, तो यह 80,200 की तरफ बढ़ सकता
बाजार में आज बैंकिंग और आईटी सेक्टर के शेयरों पर खास नजर रहेगी। ग्लोबल संकेतों के अलावा, विदेशी निवेशकों (FIIs) की खरीदारी और तेल बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी। निवेशकों दी जाती के ट्रेंड बाद ही कोई बड़ा फैसला लें।

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