Up Kiran, Digital Desk: मछली पालन और इससे जुड़े व्यापार करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने जीएसटी से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे मछली पालन सेक्टर को काफी फायदा होने की उम्मीद है।
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब मछली के तेल, केक और दूसरी चीजों को बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान पर लगे जीएसटी को एडजस्ट किया जा सकेगा। पहले, मछली का तेल बनाने वाली फैक्टरियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन से बाहर रखा गया था, जिसकी वजह से वे अपने कच्चे माल पर दिए गए टैक्स का इनपुट क्रेडिट नहीं ले पाते थे। अब रजिस्ट्रेशन की अनुमति मिलने से वे ऐसा कर पाएँगे।
क्या हैं नए बदलाव?इनपुट टैक्स क्रेडिट: अब मछली के तेल, पेस्ट या खाने की चीजें बनाने वाले कारोबारी अपने कच्चे माल पर दिए गए जीएसटी का इनपुट क्रेडिट ले सकेंगे। इससे उनकी लागत कम होगी।
टैक्स से राहत: सरकार ने मछुआरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली छोटी नावों और इंजन को जीएसटी से छूट दे दी है। साथ ही, मछली की पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन जैसी सेवाओं पर भी टैक्स माफ कर दिया गया है।
निर्यातकों को फायदा: इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा उन कारोबारियों को होगा जो मछली के तेल जैसी चीजें निर्यात करते हैं। वे अब 18% तक का रिफंड क्लेम कर सकते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनके प्रोडक्ट सस्ते और ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाएँगे।
इन बदलावों से न सिर्फ मछली पालन से जुड़े कारोबारियों की लागत कम होगी, बल्कि इससे आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से होने वाले सी-फ़ूड निर्यात को भी बड़ा सहारा मिलेगा।
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