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Up Kiran, Digital Desk: दुनिया भर में ट्रंप के टैरिफ हमले की चर्चा जोरों पर है। लेकिन भारत ने इसे कैसे झेला? एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका को भारत का सामान भेजना पांच महीनों में 28 फीसदी से ज्यादा कम हो गया। फिर भी देश की अर्थव्यवस्था ने सबको हैरान कर दिया। दूसरी तिमाही में विकास दर 8.2 फीसदी रही जो उम्मीद से कहीं ज्यादा है। आखिर भारत ने क्या जादू किया? चलिए इसकी परतें खोलते हैं।

ट्रंप का टैरिफ धमाका शुरू से ही था सख्त

अप्रैल में 10 फीसदी टैरिफ लगा। फिर अगस्त में 25 फीसदी और अंत में 50 फीसदी तक पहुंच गया। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च ग्रुप की रिपोर्ट कहती है कि मई में 8.83 अरब डॉलर का सामान अमेरिका भेजा गया था। अक्टूबर तक ये गिरकर 6.31 अरब डॉलर रह गया। यानी कुल गिरावट 28.5 फीसदी। यह India Export Fall का सबसे बड़ा सबूत है।

स्मार्टफोन फार्मा और तेल उत्पाद जैसे क्षेत्र जो टैरिफ से मुक्त थे वे भी चपेट में आए। इनका निर्यात 25.8 फीसदी कम हुआ। मई के 3.42 अरब डॉलर से अक्टूबर में 2.54 अरब डॉलर बचा। अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया जबकि चीन को 30 फीसदी और जापान को 15 फीसदी ही मिला। US Tariff का असर हर सेक्टर में दिखा। जेम्स ज्वेलरी का अमेरिकी निर्यात 76 फीसदी लुढ़का।

फिर भी अर्थव्यवस्था क्यों नहीं रुकी? 

वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाएं भारत की ताकत की तारीफ कर रही हैं। जून तिमाही में 7.8 फीसदी विकास के बाद दूसरी तिमाही में 8.2 फीसदी पहुंचना कोई छोटी बात नहीं। US Tariff Impact on Indian Economy के बावजूद कुल निर्यात सितंबर में 6.75 फीसदी बढ़ा। अमेरिका को भेजना 11.9 फीसदी कम हुआ लेकिन बाकी बाजारों ने संभाल लिया।

भारत ने स्मार्ट तरीके अपनाए

जेम्स ज्वेलरी सेक्टर में अमेरिकी बाजार टूटा तो यूएई हांगकांग और बेल्जियम ने मांग बढ़ाई। कुल निर्यात सिर्फ 1.5 फीसदी कम हुआ। ऑटो पार्ट्स के लिए जर्मनी और थाईलैंड ने हाथ बढ़ाया। हर क्षेत्र ने नई जगहें तलाशीं। Export Diversification Strategy ने कमाल दिखाया।

मोदी सरकार ने तुरंत कदम उठाए

जीएसटी में सुधार से घरेलू खरीदारी बढ़ी। निवेश का दौर चला। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज ने इंजन का काम किया। Trump Tariff Effect on India Exports को इनसे रोका गया। घरेलू बाजार मजबूत हुआ तो विदेशी झटके कम असर डाल सके।