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Up Kiran, Digital Desk: पटना जिला प्रशासन ने केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और जदयू नेता ललन सिंह उर्फ राजीव रंजन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई चुनाव प्रक्रिया के दौरान कथित उल्लंघन के कारण की गई है। प्रशासन ने वीडियो निगरानी टीम द्वारा फुटेज की जांच के बाद यह कदम उठाया।

इस मामले में ललन सिंह के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पटना जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "वीडियो फुटेज की जांच के बाद श्री ललन सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।"

क्या बोले ललन सिंह?

विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब एक वीडियो में ललन सिंह को जेडी(यू) कार्यकर्ताओं से विपक्षी नेताओं को मतदान के दिन घर से बाहर न निकलने देने की अपील करते सुना गया। ललन सिंह ने कहा, "कुछ नेता ऐसे हैं, जो मतदान के दिन घर से बाहर नहीं निकलते, उन्हें अंदर ही रखें। अगर वे विरोध करते हैं तो उन्हें वोट देने ले जाइए, फिर उन्हें आराम करने के लिए घर भेज दीजिए।"

राजद ने क्या आरोप लगाए?

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने ललन सिंह पर चुनाव आयोग की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया है। राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, "क्या आप इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि करेंगे, जिसमें इस तरह का दबंग व्यवहार दिखाया गया है?"

अनंत सिंह का समर्थन, जेल में रहते हुए प्रचार!

यह विवाद तब और बढ़ गया जब ललन सिंह ने मोकामा में जेडी(यू) उम्मीदवार अनंत सिंह के लिए प्रचार किया। अनंत सिंह फिलहाल बेउर जेल में बंद हैं, जहां उन पर जन सुराज समर्थक दुलार चंद यादव की हत्या का आरोप है। ललन सिंह ने अपने चुनावी भाषण में कहा, "हम मोकामा के लोगों को अनंत सिंह की कमी महसूस नहीं होने देंगे।"

बता दें कि दुलार चंद यादव की हत्या राजनीतिक हिंसा के बीच हुई थी। इस मामले में अनंत सिंह समेत दो अन्य को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।