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Up Kiran, Digital Desk: चेहरे की नाजुक स्किन की देखभाल हर लड़की और औरत के लिए बहुत मायने रखती है। अक्सर सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि फेशियल हेयर रिमूवल के लिए क्या बेहतर है? फेशियल रेजर या वैक्सिंग? दोनों ही तरीके अलग हैं और उनके अपने-अपने फायदे और नुकसान।

फेशियल रेजर को कई लोग डरमा प्लानिंग भी कहते हैं। इसमें छोटे-छोटे पतले और मुलायम बाल आसानी से हट जाते हैं। रेजर का इस्तेमाल करने से स्किन तुरंत स्मूथ और क्लीन दिखती है। मेकअप अच्छे से सेट होता है और डेड स्किन भी निकल जाती है।

यह तरीका बिल्कुल पेनलेस होता है और घर पर भी किया जा सकता है। लेकिन इससे जुड़ी एक आम गलतफहमी है। वो यह कि इरेजर इस्तेमाल करने से बाल मोटे और ज्यादा उगने लगते हैं। असल में ऐसा नहीं होता। बाल अपनी नेचुरल ग्रोथ के हिसाब से ही आते हैं।

बस जब वह दोबारा उगते हैं तो उनकी ब्लंट टिप यानी सीधी किनारी की वजह से बाल मोटे लग सकते हैं। लेकिन वे असल में वैसे ही रहते हैं जैसे पहले थे। दूसरी ओर फेशियल वैक्सीन से बाल जड़ से निकल जाते हैं जिससे वे देर से आते हैं और स्किन लंबे समय तक स्मूथ रहती है।

लेकिन वैक्सिन थोड़ा पेनफुल हो सकता है और सेंसिटिव स्किन वालों को लालिमा, पिंपल्स या रैशेस की प्रॉब्लम भी हो सकती है। इसके अलावा बार-बार वैक्सिंग करने से स्किन ढीली भी पड़ जाती है। तो अगर आपकी स्किन बहुत सेंसिटिव है या आपको इंस्टेंट स्मूथनेस चाहिए तो फेशियल रेजर बेहतर और आसान तरीका है।

अगर आप चाहते हैं कि बाल देर से आए और बार-बार शेव ना करना पड़े तो वैक्सिंग ज्यादा सूटेबल हो सकती है। असल में यह पूरी तरह आपके स्किन टाइप, पेन टॉलरेंस और पर्सनल प्रेफरेंस पर डिपेंड करता है। इन शॉर्ट रेजर से बाल ज्यादा नहीं बढ़ते। यह सिर्फ एक मिथ है।

सही टेक्निक से किया गया बिल्कुल सेफ है। वहीं वैक्सीन ज्यादा लॉन्ग लास्टिंग रिजल्ट देती है, लेकिन थोड़ा दर्द और स्किन रिएक्शन का रिस्क रहता है।