Up Kiran, Digital Desk: आपने कभी ध्यान दिया है कि फल के ऊपर अक्सर छोटे स्टीकर लगे होते हैं? शायद आपने इन्हें हटाकर फेंक दिया हो, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन स्टीकरों पर जो नंबर या कोड होते हैं, उनका असल अर्थ क्या है? ये स्टीकर केवल फल की पहचान करने के लिए नहीं होते, बल्कि इनमें छिपी होती है ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी, जो न केवल आपके स्वास्थ्य बल्कि आपके खरीदारी के अनुभव को भी प्रभावित कर सकती है।
जानिए, फल के स्टीकर पर क्या लिखा होता है?
यह छोटे कोड, जिन्हें पीएलयू कोड (PLU Code) कहा जाता है, फल और सब्जियों के बारे में अहम जानकारी प्रदान करते हैं। इस कोड का उद्देश्य सिर्फ फल की पहचान नहीं, बल्कि यह भी बताना होता है कि फल किस प्रकार से उगाया गया है, उनकी खेती की विधि क्या थी, और क्या वह जैविक, रासायनिक रूप से उपचारित या आनुवंशिक रूप से संशोधित (GMO) है।
पीएलयू कोड का महत्व क्या है?
"पीएलयू" का मतलब है प्राइस लुकअप कोड (Price Look-Up Code), जिसे इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर प्रोड्यूस स्टैंडर्ड्स (IFPS) ने विकसित किया था। यह कोड खासकर खुदरा विक्रेताओं के लिए फलों और सब्जियों की पहचान और कीमत तय करने में मदद करता है। हालांकि, इसका महत्व सिर्फ बिलिंग तक सीमित नहीं है। उपभोक्ताओं के लिए यह कोड बहुत काम का होता है क्योंकि यह हमें यह बताता है कि फल किस तरीके से उगाया गया है।
कोड का पहला अंक क्या बताता है?
पीएलयू कोड का पहला अंक बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह बताता है कि फल या सब्जी किस प्रकार से उगाई गई है:
अगर पहला अंक 9 है, तो इसका मतलब है कि फल जैविक रूप से उगाया गया है।
अगर पहला अंक 8 है, तो इसका मतलब है कि फल आनुवंशिक रूप से संशोधित (GMO) है।
अगर कोड सिर्फ चार अंकों का है, तो यह फल पारंपरिक खेती से उगाया गया है, जिसमें रासायनिक कीटनाशकों या उर्वरकों का इस्तेमाल हो सकता है।
जैविक, पारंपरिक और GMO फलों में अंतर समझें
9 से शुरू होने वाली संख्या: अगर फल के स्टीकर पर 9 से शुरू होने वाली पांच अंकों की संख्या है, तो इसका मतलब है कि वह फल पूरी तरह से जैविक है और प्राकृतिक तरीके से उगाया गया है।
4 अंकों वाली संख्या: चार अंकों का कोड, जैसे 4011, पारंपरिक खेती के फल को दर्शाता है, जिसमें रासायनिक कीटनाशक या उर्वरक हो सकते हैं।
8 से शुरू होने वाली संख्या: जब कोड 8 से शुरू होता है, तो यह बताता है कि फल आनुवंशिक रूप से संशोधित है, यानी उसे जैविक तरीके से नहीं उगाया गया है।
इन कोड्स से आपको क्या फायदा हो सकता है?
इन कोड्स की मदद से आप यह जान सकते हैं कि फल कैसा उगाया गया है और क्या उसमें किसी तरह के रासायनिक उपचार या आनुवंशिक बदलाव किए गए हैं। इससे आपको यह निर्णय लेने में मदद मिलती है कि आप किस तरह के फल खरीदना चाहते हैं—जैविक, पारंपरिक या आनुवंशिक रूप से संशोधित।
तो अगली बार जब आप फल खरीदें, इन छोटे स्टीकरों को न केवल हटाएं, बल्कि उन्हें ध्यान से देखें। ये स्टीकर आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर करते हैं।
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