Up Kiran, Digital Desk: बलिया जिले के रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले दस साल से ड्यूटी दे रही स्टाफ नर्स कुमुदलता राय को अचानक निलंबित कर दिया गया है। वजह है सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए अलग-अलग जन्म तारीख वाले फर्जी प्रमाण पत्र इस्तेमाल करना। यह खुलासा होते ही पूरे इलाके में चर्चा का बाजार गर्म हो गया क्योंकि ग्रामीण इलाकों में यही सीएचसी हजारों मरीजों की पहली पनाह होती है।
कैसे हुआ पर्दाफाश
सीएचसी अधीक्षक डॉ. मनीष जायसवाल ने जब नर्स के पुराने रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया तो हैरानी हुई। एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में कभी 1975 तो कभी 1978 और कभी 1980 की जन्म तारीख दिखाई। जब सभी कागजात एक साथ जोड़े गए तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। मऊ जिले के अमरहट गांव की रहने वाली कुमुदलता राय ने सालों तक किसी को शक नहीं होने दिया।
पुलिस भी मैदान में
रसड़ा थाना प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस अब बोर्ड और विश्वविद्यालयों से मिलान करवा रही है कि आखिर असली जन्म तारीख क्या है। पूछताछ में नर्स अभी कुछ खास बोल नहीं पा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग सख्त, DG का सीधा आदेश
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि विभागीय जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक तक पहुंची। महानिदेशक ने बिना देर किए तत्काल निलंबन के आदेश दिए। डॉ. वर्मन का कहना है कि अब हर पुराने कर्मचारी के कागजात दोबारा जांचे जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसा कोई मामला न रहे।
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