
Up Kiran, Digital Desk: राज्य के लिए एक अत्यंत शुभ समाचार आया है, जहाँ केंद्र सरकार ने हिमतानगर में कामधेनु पशु चिकित्सा कॉलेज की स्थापना को हरी झंडी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम गुजरात के पशुधन क्षेत्र को मजबूत करने और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। अगले महीने से, 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए 80 सीटों पर बीवीएससी (बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस) और एनिमल हसबेंडरी में प्रवेश शुरू हो जाएंगे। यह संस्थान गुजरात के युवा और महत्वाकांक्षी छात्रों को पशु चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अपने सपनों को पूरा करने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करेगा।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित, किफायती दर पर उच्च शिक्षा
23 एकड़ के विशाल और हरे-भरे परिसर में फैला यह नया पशु चिकित्सा कॉलेज, छात्रों को अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, उत्कृष्ट पुस्तकालयों और आधुनिक आवासीय सुविधाओं से सुसज्जित वातावरण प्रदान करेगा। सबसे खास बात यह है कि यहां की शिक्षा सरकारी-विनियमित शुल्क पर उपलब्ध होगी, जो इसे प्रदेश के सभी वर्गों के छात्रों के लिए सुलभ बनाएगी। कामधेनु विश्वविद्यालय के तहत आने वाला यह कॉलेज, गुजरात का पांचवां पशु चिकित्सा महाविद्यालय होगा, जो आनंद, नवसारी, जूनागढ़ और दांतीवाड़ा में स्थित कॉलेजों की श्रेणी में शामिल होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि गुजरात में पशु चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि हो।
NEET के आधार पर प्रवेश: योग्यता को मिलेगा सम्मान
इस प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा। वे छात्र जिन्होंने 12वीं कक्षा विज्ञान (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) में न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण की है, वे इस प्रवेश प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। NEET स्कोर का उपयोग यह सुनिश्चित करेगा कि सबसे योग्य और प्रतिभाशाली छात्र ही इस उच्च-स्तरीय शिक्षा का लाभ उठा सकें। पशु चिकित्सा प्रवेश गुजरात के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पारदर्शिता और मेरिट को बढ़ावा देगा।
पशुधन स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी नई दिशा
यह कॉलेज न केवल पशु चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षित करेगा, बल्कि राज्य में पशु स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुधार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। संस्थान कैटल हेल्थ कार्ड, पशु स्वास्थ्य मेले और पशुओं के लिए मोतियाबिंद सर्जरी जैसी मौजूदा गुजरात पशु कल्याण कार्यक्रमों को और मजबूत करेगा। इन पहलों के माध्यम से, कॉलेज सीधे तौर पर ग्रामीण आजीविका को सहारा देगा, किसानों को बेहतर उत्पादकता के लिए सहायता प्रदान करेगा और राज्य में पशुधन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करेगा।
नियुक्तियां पूरी, कॉलेज जल्द शुरू होगा
कॉलेज के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक सभी शैक्षणिक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसमें एक प्राचार्य, चार प्रोफेसर, सात एसोसिएट प्रोफेसर, 34 असिस्टेंट प्रोफेसर और 23 सहायक कर्मचारी शामिल हैं, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्रों को अनुभवी और समर्पित संकाय का मार्गदर्शन मिले।
गुजरात में पशुपालन को बढ़ावा:कामधेनु पशु चिकित्सा कॉलेज, हिमतानगर की स्थापना गुजरात के पशुपालन क्षेत्र के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम पशुधन स्वास्थ्य, कृषि-व्यवसाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा। प्रदेश के छात्रों के लिए पशु चिकित्सा में करियर बनाने के अवसर बढ़ेंगे, जिससे राज्य की पशु चिकित्सा क्षमताएं और मजबूत होंगी।
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