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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में कृषि क्षेत्र को और मज़बूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जल्द ही राज्य स्तरीय 'फार्म मशीनरी इन्वेंटरी सर्वे' (State-Level Farm Machinery Inventory Survey) शुरू किया जाएगा। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि आंध्र प्रदेश के किसानों के पास कौन-कौन सी कृषि मशीनें उपलब्ध हैं और किन मशीनों की ज़रूरत है।

क्या है यह सर्वे और क्यों ज़रूरी है?

'फार्म मशीनरी इन्वेंटरी सर्वे' का मतलब है कि सरकार एक लिस्ट तैयार करेगी जिसमें यह जानकारी होगी कि राज्य के किसानों के पास ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, सीड ड्रिल (बीज बोने वाली मशीन), टिलर, स्प्रेयर जैसी कितनी और किस तरह की कृषि मशीनें हैं।

यह सर्वे कई मायनों में बहुत ज़रूरी है:

मशीनों की उपलब्धता का पता चलेगा: इससे सरकार को यह जानने में मदद मिलेगी कि किसानों के पास कौन सी मशीनें पर्याप्त हैं और किन मशीनों की कमी है।

ज़रूरतों को समझना: यह सर्वे बताएगा कि किस क्षेत्र में किसानों को किस तरह की आधुनिक कृषि मशीनरी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

योजनाएं बनाने में मदद: सरकार भविष्य में किसानों के लिए मशीनरी से जुड़ी योजनाएं (जैसे सब्सिडी पर मशीन देना या कस्टम हायरिंग सेंटर बनाना) ज़्यादा प्रभावी तरीके से बना पाएगी।

उत्पादकता बढ़ाना: जब किसानों को सही समय पर सही मशीनें मिलेंगी, तो उनकी खेती का काम आसान होगा, लागत कम होगी और फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी।

आधुनिकीकरण: यह सर्वे राज्य में कृषि के आधुनिकीकरण (Modernization) की दिशा में एक अहम कदम है।

सर्वे कैसे होगा? इस सर्वे में कृषि विभाग के अधिकारी और अन्य संबंधित कर्मचारी घर-घर जाकर या किसानों से मिलकर उनकी कृषि मशीनरी के बारे में जानकारी जुटाएंगे। इसमें मशीनों के प्रकार, उनकी संख्या, उनकी स्थिति और किसानों द्वारा उनकी ज़रूरत के बारे में डेटा इकट्ठा किया जाएगा।

किसानों के लिए फायदा इस सर्वे के पूरा होने के बाद, सरकार किसानों की ज़रूरतों के हिसाब से मशीनरी उपलब्ध कराने की योजनाएं बना पाएगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी क्षेत्र में छोटे ट्रैक्टरों की कमी है, तो सरकार उन्हें सब्सिडी पर उपलब्ध करा सकती है। इससे किसानों का समय और मेहनत दोनों बचेंगे, और वे अपनी खेती को ज़्यादा कुशल बना पाएंगे।

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