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Up kiran,Digital Desk : एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार करना कानपुर के एक परिवार के लिए जिंदगी भर  घर लौटने की जल्दी और लगातार रद्द हो रही फ्लाइटों के तनाव ने 46 साल के अनूप पांडेय की जान ले ली। यह दर्दनाक घटना लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर हुई, जहां अनूप अपनी बेंगलुरु की फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे। अब उनकी पत्नी और बच्चे, जो बेंगलुरु में उनका इंतजार कर रहे थे, मातम में शामिल होने के लिए एक लंबी और दुखद यात्रा कर टैक्सी से कानपुर पहुंचे हैं।

तेरहवीं से लौट रहे थे, तनाव ने ले ली जान

कानपुर के कल्याणपुर के रहने वाले अनूप पांडेय कोका-कोला कंपनी में फाइनेंस एग्जीक्यूटिव थे और अपने परिवार—पत्नी पूजा और दो बच्चों—के साथ बेंगलुरु में रहते थे। कुछ दिन पहले ही वह एक रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने के लिए कानपुर आए थे। शुक्रवार की रात उन्हें दिल्ली के रास्ते बेंगलुरु की कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़नी थी।

लेकिन एयरपोर्ट पर एक के बाद एक फ्लाइटें रद्द हो रही थीं, जिससे अनूप काफी घबराए और तनाव में थे। इसी बेचैनी और चिंता में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें फौरन पास के लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी; डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

परिवार का आरोप- एयरपोर्ट प्रशासन ने नहीं की कोई मदद

इस दुखद घटना के बाद परिवार ने एयरपोर्ट प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अनूप के भाई अनिल का कहना है कि जब उन्होंने इस भयावह घटना के बाद अधिकारियों से जानकारी और सीसीटीवी फुटेज मांगी, तो किसी ने भी उनकी मदद नहीं की और सहयोग करने से इनकार कर दिया।

पुलिस के मुताबिक, यह घटना शुक्रवार देर रात की है। परिवार को पोस्टमार्टम के बाद रविवार को शव सौंपा गया, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। एक खुशहाल परिवार जो अपने मुखिया का इंतजार कर रहा था, अब उनके बिना भविष्य की अनिश्चितता का सामना कर रहा है—यह सब फ्लाइटों की अनिश्चितता के कारण हुए एक हादसे का नतीजा है।