
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम भले ही सैकड़ों लोगों के बीच हों, लेकिन फिर भी खुद को अंदर से बेहद अकेला महसूस कर सकते हैं। यह भावनात्मक स्थिति धीरे-धीरे डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक बीमारी का रूप ले सकती है। डिप्रेशन न सिर्फ हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शारीरिक रूप से भी कमजोर बना देता है। इसलिए इस भावना को समय रहते पहचानना और उससे निपटना बेहद जरूरी है।
भीड़ में अकेलापन क्यों महसूस होता है?
डॉ. स्नेहा शर्मा, आकाश हेल्थकेयर की मनोचिकित्सक और नशामुक्ति विभाग की कंसल्टेंट के मुताबिक, अकेलेपन के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
सामाजिक जुड़ाव की कमी
आत्म-संदेह और कम आत्म-सम्मान
अनसुलझे भावनात्मक मुद्दे
जब व्यक्ति को लगता है कि कोई उसे समझ नहीं रहा या उसकी भावनाओं की कद्र नहीं हो रही है, तब वह भी भीड़ में भी खुद को अलग-थलग और बेसहारा महसूस करने लगता है।
डॉ. शर्मा कहती हैं,
"अकेलापन एक सामान्य भावना है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सामाजिक जुड़ाव और अपनी भावनाओं को व्यक्त करना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण तरीका है।"
डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण जो नजरअंदाज नहीं करने चाहिए
बार-बार उदासी या निराशा महसूस करना
अत्यधिक सोचना और चिंता करना
भूख में कमी या अचानक ज्यादा खाना शुरू कर देना
नींद न आना या बहुत ज्यादा सोना
किसी भी चीज में दिलचस्पी न रहना
आत्म-आलोचना और आत्मग्लानि की भावना
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह डिप्रेशन की ओर इशारा कर सकते हैं।
जब भीड़ में भी अकेला महसूस हो, तो क्या करें?
1. अपनी भावनाओं को पहचानें और स्वीकार करें
अपने मन में उठने वाली भावनाओं को दबाने की बजाय उन्हें समझें। खुद से सवाल करें:
"मैं इस वक्त कैसा महसूस कर रहा हूं?"
"मेरी इस भावना के पीछे क्या वजह हो सकती है?"
2. भरोसेमंद लोगों से बात करें
अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों या किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से अपनी बातें शेयर करें। खुलकर बातचीत करने से भावनात्मक बोझ हल्का होता है और समाधान मिलना आसान हो जाता है।
3. सकारात्मक गतिविधियों में शामिल हों
किसी नई हॉबी को अपनाएं
योग, ध्यान या म्यूजिक में समय बिताएं
खेलकूद या किसी क्रिएटिव एक्टिविटी में व्यस्त रहें
यह आपके मानसिक ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ने में मदद करेगा।
4. स्वस्थ दिनचर्या बनाएं
हर दिन समय पर सोने और जागने की आदत डालें
संतुलित आहार लें और फिजिकल एक्टिविटी करें
स्क्रीन टाइम कम करें और प्रकृति के साथ समय बिताएं
5. प्रोफेशनल मदद लेने से न हिचकें
अगर अकेलापन और उदासी लंबे समय तक बनी रहे और आपका रोजमर्रा का जीवन प्रभावित होने लगे, तो तुरंत किसी काउंसलर या मनोचिकित्सक से संपर्क करें। सही समय पर ली गई मदद डिप्रेशन को गंभीर बनने से रोक सकती है।
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