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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ संपन्न हुई टेस्ट सीरीज के दौरान टीम इंडिया के फील्डिंग कोच टी. दिलीप (T Dilip) ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों के जज्बे और जुझारूपन (resilience) की जमकर तारीफ की है। इस सीरीज में, विशेषकर पांचवें टेस्ट मैच में, टीम इंडिया के प्रदर्शन को 'आइकॉनिक' (iconic) बताया गया, जिसने अंततः सीरीज को ड्रॉ (draw) में समाप्त किया।

'कभी हार न मानने वाला रवैया' रहा खास:

सीरीज पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, दिलीप ने स्वीकार किया कि कुछ कैच छूटे, जो खेल का हिस्सा हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि फील्डिंग का समग्र स्तर (overall standard of fielding) मजबूत बना रहा। उन्होंने कहा, "यह खेल का हिस्सा है। हम हमेशा आगे देखते हैं, सीखते रहते हैं और बढ़ते रहते हैं।" दिलीप ने इस बात पर जोर दिया कि 'लगातार सुधार' (constant improvement) ही टीम का मंत्र (mantra) है।

जब उनसे वर्तमान टीम के पसंदीदा खिलाड़ी (favourite player) के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने तटस्थ (neutral) रहते हुए कहा, "सभी मेरे पसंदीदा हैं। हम साथ खेलते हैं, साथ जीतते हैं, और साथ काम करते हैं।"

सामूहिक प्रयास ने दिलाई सफलता:

कोच ने इस बात पर प्रकाश डाला कि टीम की सफलता किसी एक प्रदर्शन का परिणाम नहीं थी, बल्कि सीरीज के विभिन्न चरणों में खिलाड़ियों द्वारा किए गए 'सामूहिक प्रयास' (collective effort) का नतीजा थी। उन्होंने कहा, “एक चीज़ जो वास्तव में खास रही, वह थी 'कभी हार न मानने वाला रवैया' (never-give-up attitude) जो हमने पूरी सीरीज के दौरान दिखाया। विभिन्न समयों पर, अलग-अलग खिलाड़ियों ने आगे बढ़कर प्रदर्शन किया।”

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