img

Up kiran,Digital Desk : जब दो पड़ोसी देश आपस में लड़ते हैं, तो गोलियों और बमों की आवाज के बीच अक्सर इतिहास और संस्कृति की आवाज दब जाती है. कुछ ऐसा ही हो रहा है एशिया के दो देशों, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच. इन दोनों के सीमा विवाद में एक ऐसा प्राचीन हिंदू मंदिर पिस रहा है, जिससे भारत का गहरा नाता है.

यह मंदिर है 'प्रीह विहार', जो भगवान शिव को समर्पित है और एक विश्व धरोहर है. लेकिन हाल ही में हुई गोलीबारी में इस मंदिर को भी नुकसान पहुंचा है, जिसने भारत को चिंता में डाल दिया है.

भारत ने क्यों जताई चिंता?

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि यह मंदिर सिर्फ एक देश का नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत की साझी सांस्कृतिक विरासत है. भारत लंबे समय से इस मंदिर को बचाने और संवारने में मदद करता आया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम दोनों देशों से अपील करते हैं कि वे शांति बनाए रखें और हिंसा तुरंत रोक दें. इस मंदिर की सुरक्षा हर हाल में होनी चाहिए."

मामले में हुई अमेरिका की एंट्री

इस लड़ाई के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया, दोनों देशों के नेताओं से बात की है और दोनों ने गोलीबारी रोकने पर सहमति जताई है.

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, "दोनों देश शांति चाहते हैं और अमेरिका के साथ अपना व्यापार जारी रखने के लिए तैयार हैं."

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दोनों देशों की सीमा पर भारी गोलीबारी और रॉकेट हमले हो रहे थे, जिससे तनाव काफी बढ़ गया था. पूरी दुनिया इस मामले पर नजर बनाए हुए थी. अब देखना यह है कि क्या ट्रंप के दावे के बाद जमीन पर भी शांति कायम होती है या नहीं. लेकिन भारत की इस पहल ने यह जरूर दिखा दिया है कि राजनीति और लड़ाई से परे, इतिहास और विरासत का भी अपना एक महत्व होता है