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Up Kiran, Digital Desk: अगर आप कानपुर की सड़कों पर चलते हुए फोन पर बात करने से डरते हैं या गले में चेन पहनने से घबराते हैं, तो यह खबर आपको सुकून दे सकती है। शहर में बढ़ती चेन और मोबाइल लूट की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए कानपुर पुलिस ने अब अपना 'हंटर' चलाना शुरू कर दिया है। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के सख्त निर्देशों के बाद, क्राइम ब्रांच ने लुटेरों के खिलाफ एक विशेष अभियान छेड़ दिया है, जिसका मकसद इन अपराधियों के मन में पुलिस का खौफ पैदा करना है।

इस अभियान को पहली बड़ी सफलता भी मिल गई है, जहाँ क्राइम ब्रांच की टीम ने दो अलग-अलग लुटेरे गैंग के चार शातिर सदस्यों को दबोच लिया है।

कैसे काम करती थी यह स्पेशल-टीम?

शहर में लगातार हो रही लूट की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने एडीसीपी क्राइम मनीष चंद्र सोनकर को एक स्पेशल-टीम बनाने का निर्देश दिया था। इस टीम का सिर्फ़ एक ही काम था - शहर भर में सक्रिय चेन और मोबाइल लुटेरों की पहचान करना, उनकी गतिविधियों पर नज़र रखना और उन्हें सलाखों के पीछे पहुँचाना।

टीम ने पुराने लुटेरों का रिकॉर्ड खंगालने से लेकर शहर के हर नुक्कड़-चौराहे पर अपना खुफिया जाल बिछा दिया। इसी का नतीजा है कि पुलिस को यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी।

क्या था लुटेरों का काम करने का तरीका?

पकड़े गए शातिर लुटेरों ने पूछताछ में अपने काम करने का जो तरीका बताया, वह काफी खतरनाक था।